आर्थिक संवृद्धि और विकास (Economic Growth and Development) अर्थशास्त्र, दुर्लभता से सफलतापूर्वक निपटने हेतु तीव्र चुनाव से संबंधित अध्ययन है। दुर्लभ संसाधनों के आबंटन की सफलता के मूल्यांकन का सबसे अधिक मौलिक माप, आर्थिक संवृद्धि है। व्यक्ति, अपनी आय और परिसंपत्तियों के मूल्य में परिवर्तन पर निगरानी रखते हैं। व्यवसाय अपने लाभों तथा बाजार में […]
भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian Economy
भारतीय अर्थव्यवस्थाः अंग्रेजों से पूर्व एवं पश्चात् Indian Economy: Before and After the British औपनिवेशिक शासन की स्थापना के समय भारतीय अर्थव्यवस्था भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना 18वीं शताब्दी के मध्य में हुई। अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक ढाँच को पूर्णतः नष्ट कर दिया। कृषि की स्थिति भारत कृषि प्रधान देश रहा है। 18वीं […]
अर्थशास्त्र | Economics
अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्थाएँ अर्थशास्त्र ‘अर्थशास्त्र’ शब्द दो ग्रीक शब्दों ‘ओकोस’ और ‘नेमीन’ शब्दों से लिया गया है। इसका अर्थ है- गृहस्थ का नियम अथवा कानून। अर्थशास्त्र वह विषय हैं, जिसके तहत यह अध्ययन किया जाता है कि व्यक्ति, समाज और सरकार किस प्रकार अपने सीमित संसाधनों के द्वारा अपनी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। […]
स्वतंत्रता के बाद का भारत | India After Independence
स्वतंत्रता के बाद का भारत (India After Independence) एक नया और खंडित राष्ट्र अगस्त 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो उसके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ थीं। बँटवारे की वजह से 80 लाख शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आ गए थे। इन लोगों के लिए रहने का इंतजाम करना और उन्हें रोजगार देना जरूरी था। इसके […]
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम | Indian freedom struggle
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian freedom struggle) बेवेल योजना (जून, 1945) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian freedom struggle) के अंतर्गत 6 मई, 1944 सी.ई. में स्वास्थ्य के आधार पर गाँधी जी को रिहा कर दिया गया। 1945 सी.ई. में एटली की सरकार आयी और वॉयसराय लिनलिथगो की जगह बेवेल आया। मई, 1945 सी.ई. तक सारे नेता छोड़ […]