भारत में आर्थिक नियोजन | Economic Planning in India आर्थिक नियोजन आर्थिक नियोजन का विचार विश्व में सर्वप्रथम सोवियत संघ द्वारा अपनाया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को अपनाने के साथ ही देश को विकास के पथ पर आगे ले जाने हेतु आर्थिक नियोजन को विकास के औजार […]
आर्थिक संवृद्धि और विकास | Economic Growth and Development
आर्थिक संवृद्धि और विकास (Economic Growth and Development) अर्थशास्त्र, दुर्लभता से सफलतापूर्वक निपटने हेतु तीव्र चुनाव से संबंधित अध्ययन है। दुर्लभ संसाधनों के आबंटन की सफलता के मूल्यांकन का सबसे अधिक मौलिक माप, आर्थिक संवृद्धि है। व्यक्ति, अपनी आय और परिसंपत्तियों के मूल्य में परिवर्तन पर निगरानी रखते हैं। व्यवसाय अपने लाभों तथा बाजार में […]
भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian Economy
भारतीय अर्थव्यवस्थाः अंग्रेजों से पूर्व एवं पश्चात् Indian Economy: Before and After the British औपनिवेशिक शासन की स्थापना के समय भारतीय अर्थव्यवस्था भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना 18वीं शताब्दी के मध्य में हुई। अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक ढाँच को पूर्णतः नष्ट कर दिया। कृषि की स्थिति भारत कृषि प्रधान देश रहा है। 18वीं […]
अर्थशास्त्र | Economics
अर्थशास्त्र और अर्थव्यवस्थाएँ अर्थशास्त्र ‘अर्थशास्त्र’ शब्द दो ग्रीक शब्दों ‘ओकोस’ और ‘नेमीन’ शब्दों से लिया गया है। इसका अर्थ है- गृहस्थ का नियम अथवा कानून। अर्थशास्त्र वह विषय हैं, जिसके तहत यह अध्ययन किया जाता है कि व्यक्ति, समाज और सरकार किस प्रकार अपने सीमित संसाधनों के द्वारा अपनी असीमित आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। […]
ऊर्जा के स्रोत | Sources of Energy
ऊर्जा के स्रोत (Sources of Energy) जीवाश्मी ईंधन प्राचीन काल में ऊष्मीय ऊर्जा का सबसे अधिक सामान्य स्रोत लकड़ी था। कुछ सीमित क्रियाकलापों के लिए पवन तथा बहते जल की ऊर्जा का भी उपयोग किया जाता था। ऊर्जा के स्रोत के रूप में कोयले के उपयोग ने औद्योगिक क्रांति को संभव बनाया। बढ़ते हुए उद्योगों […]