भारत का संवैधानिक विकास 1773 का रेग्युलेटिंग एक्ट (भारत का संवैधानिक विकास) भारत का संवैधानिक विकास हेतु कंपनी द्वारा शासन के लिए पहली बार एक लिखित संविधान प्रस्तुत किया गया। इस अधिनियम के माध्यम से ब्रिटिश सरकार द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियमित और नियंत्रित करने की दिशा में प्रथम प्रयास किया गया […]
संविधान सभा | Constituent Assembly
भारत का संवैधानिक विकास संविधान सभा का निर्माण केबिनेट मिशन योजना के तहत 309 सदस्यीय संविधान सभा के गठन की व्यवस्था की गई। इसमें 296 सीटें ब्रिटिश भारत व 93 सीटे देशी रियासतों के प्रतिनिधियों के लिये आवंटित की गई। ब्रिटिश भारत के लिये आवंटित की गई-296 सीटों में से 292 सीटों पर सदस्यों का […]
भारतीय अल्पसंख्यक | Indian Minorities
भारतीय अल्पसंख्यक संवैधानिक अधिकार एवं रक्षोपाय वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को 5029 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो कि पिछली बार किए गए आवंटन की तुलना से 329 करोड़ रुपये अधिक है। अल्पसंख्यकों की चिंताओं को प्रमुखता में रखने और सबका साथ सबका विकास को […]
भारतीय संविधानवाद | Constitutionalism of india
भारतीय संविधानवाद (Constitutionalism) और शासकीय अंगों के बीच संतुलन किसी लोकतांत्रिक देश का संविधान (Constitution) शासन के बुनियादी अंगों की स्थापना करने के अलावा उनके लिये सुपरिभाषित दायित्वों और खास शक्तियों का निर्धारण भी करता है ताकि वे जनता के प्रति जवाबदेह हों। फ्रांसीसी चिंतक मोंटेस्कू ने अंकुश और संतुलन बरकरार रखने के लिये शक्तियों […]