सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम (Civil Services Exam Syllabus)
सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम: प्रारंभिक परीक्षा
- नई परीक्षा प्रणाली के अनुसार, वर्तमान में सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम के तहत प्रारंभिक परीक्षा में दो प्रश्नपत्र शामिल हैं। पहला प्रश्नपत्र ‘सामान्य अध्ययन’ है जबकि दूसरा ‘सिविल सेवा अभिवृत्ति परीक्षा’ (Civil Services Aptitude Test) या ‘सीसैट’ है। दूसरा प्रश्नपत्र क्वालीफाइंग पेपर के रूप में है।
- दोनों प्रश्नपत्र 200-200 अंकों के होते हैं। पहले प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन) में 2-2 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं जबकि दूसरे प्रश्नपत्र (सीसैट) में 2.5 अंकों के 80 प्रश्न।
- दोनों प्रश्नपत्रों में ‘निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था लागू है जिसके तहत 3 उत्तर गलत होने पर 1 सही उत्तर के बराबर अंक काट लिये जाते हैं। सीसैट में निर्णयन क्षमता से संबद्ध प्रश्नों में गलत उत्तर के लिये अंक नहीं काटे जाते।
- सीसैट पेपर को सिर्फ क्वालीफाइंग कर दिया गया है इसलिये प्रारंभिक परीक्षा पास करने के लिये किसी भी उम्मीदवार को सीसैट पेपर में सिर्फ 33 प्रतिशत अंक (लगभग 27 प्रश्न या 66 अंक) प्राप्त करने आवश्यक हैं। अगर वह इससे कम अंक प्राप्त करता है तो उसे फेल माना जाता है। अब कट-ऑफ का निर्धारण सिर्फ प्रथम प्रश्नपत्र यानी सामान्य अध्ययन के आधार पर किया जाता है।

प्रश्नपत्र -1
सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम: प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 का संबंध ‘सामान्य अध्ययन’ से है। इसका पाठ्यक्रम निम्नलिखित है-
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ (Current events of national and international importance)
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (History of India and Indian National Movement)।
- भारत एवं विश्व का भूगोल : भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल (Indian and World Geography – Physical, Social, Economic Geography of India and the World)।
- भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि (Indian Polity and Governance – Constitution, Political System, Panchayati Raj, Public Policy, Rights Issues etc)।
- आर्थिक और सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि (Economic and Social Development, Sustainable Development-Poverty, Inclusion, Demographics, Social Sector initiatives etc)।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिये विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है (General issues on Environmental Ecologh2y, Bio-diversity and Climate Change – that do not require subject specialization)।
- सामान्य विज्ञान (General Science)।
प्रश्नपत्र -2
प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र- 2 का संबंध ‘सीसैट’ से है। इसका पाठ्यक्रम निम्नलिखित है-
- बोधगम्यता (Comprehension)।
- संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills)।
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)।
- निर्णय लेना और समस्या समाधान(Decision-making and problem-solving)।
- सामान्य मानसिक योग्यता (General mental ability)।
- आधारभूत संख्ययन (संख्याएँ और उनके संबंध, विस्तार-क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर); आँकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आँकड़ों की पर्याप्तता आदि- दसवीं कक्षा का स्तर) [Basic numeracy (numbers and their relations, orders of magnitude, etc.) (Class X level), Data interpretation (charts, graphs, tables, data sufficiency etc. (Class X level)]
नोट – प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकृति (Objective type) के प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रश्न के लिये दिये गए चार संभावित विकल्पों (a, b, c और d) में से एक सही विकल्प का चयन करना होता है।
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सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम: मुख्य परीक्षा
- सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम के तहत मुख्य परीक्षा में विषयों का बँटवारा अनिवार्य एवं वैकल्पिक विषयों के रूप में किया गया है।
- अनिवार्य विषयों में निबंध, सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र, अंग्रेजी भाषा (क्वालिफाइंग) एवं हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा (क्वालिफाइंग) तथा वैकल्पिक विषय के अंतर्गत विज्ञप्ति में दिये गए विषयों में से अभ्यर्थी द्वारा चयनित कोई एक वैकल्पिक विषय शामिल है।
सिविल सेवा परीक्षा पाठ्यक्रम: मुख्य परीक्षा की वर्तमान प्रणाली इस प्रकार है-
प्रश्नपत्र-1 | निबंध | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-2 | सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-3 | सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-4 | सामान्य अध्ययन-3: (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-5 | सामान्य अध्ययन-4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-6 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-7 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-‘क’ | क्वालिफाइंग-1 अंग्रेज़ी भाषा | 300 अंक |
प्रश्नपत्र-‘ख’ | क्वालिफाइंग-2 हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा | 300 अंक |
उप-योग (लिखित परीक्षा) | 1750 अंक | |
व्यक्तित्व परीक्षण | 275 अंक | |
कुल योग | 2025 अंक |
नोटः
- ** दोनों क्वालिफाइंग प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं।
- क्वालिफाइंग’ प्रकृति के दोनों प्रश्नपत्र 300-300 अंकों के होते हैं। भारतीय भाषा में न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) तथा अंग्रेज़ी में भी न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) निर्धारित किये गए हैं।
- मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित किये जाते हैं, पर उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर देने की छूट होती है।
- वे सिविल सेवा परीक्षा के फॉर्म में मुख्य परीक्षा हेतु जिस भाषा को अपने माध्यम के तौर पर अंकित करते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों के उत्तर उसी भाषा में लिखने होते हैं। केवल साहित्य के विषयों में यह छूट है कि उम्मीदवार उसी भाषा की लिपि में उत्तर लिखता है, चाहे उसका माध्यम वह भाषा न हो। उदाहरण के लिये, अंग्रेज़ी माध्यम का उम्मीदवार अगर वैकल्पिक विषय के रूप में हिंदी साहित्य का चयन करता है तो उसके उत्तर वह देवनागरी लिपि में लिखेगा।
- शेष मामलों में, इसकी अनुमति नहीं है कि उम्मीदवार अलग-अलग प्रश्नपत्रों के उत्तर अलग-अलग भाषाओं में दे (हालाँकि कुछ राज्यों के लोक सेवा आयोगों ने ऐसी अनुमति दी हुई है)।
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प्रश्नपत्र –1
- निबंध उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा| विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|
- नोट: निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों (मूर्त एवं अमूर्त रूप) में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।
प्रश्नपत्र –2
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
- 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
- स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
- विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
- भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता।
- महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
- सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
- विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ।
- विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
प्रश्नपत्र- 3
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
- भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
- भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
- संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व।
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय।
- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
- विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
- केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
- गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
- भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय।
- महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश।
प्रश्नपत्र-4
सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
- सरकारी बजट।
- मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन। भारत में भूमि सुधार।
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
- बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
- निवेश मॉडल।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
- सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता।
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
- आपदा और आपदा प्रबंधन।
- विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
- आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश।
प्रश्नपत्र-5
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-4 नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्न-पत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
- अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।
- सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
- भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)।
प्रश्नपत्र-6
वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1
प्रश्नपत्र-7
वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2
प्रश्नपत्र- ‘क’ (क्वालिफाइंग-1)
हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा
- भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है, उसे पेपर–‘क’ के लिये उम्मीदवार द्वारा चयनित किया जाता है।
- यह प्रश्नपत्र अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड और सिक्किम के रहने वाले उम्मीदवारों के लिये अनिवार्य नहीं होगा।
- इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है|
- प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा- 1. बोधगम्यता (Comprehension of given passages) 2. संक्षिप्त लेखन (Précis Writing) 3. शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार (Usage and Vocabulary) 4. लघु निबंध (Short Essay) 5. अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद (Translation from English to the Indian language and vice‐versa)
प्रश्नपत्र-‘ख’ (क्वालिफाइंग-2)
अंग्रेज़ी भाषा
- इस पेपर का पूर्णांक 300 है जिसमें क्वालीफाइंग अंक 75 (25%) निर्धारित किया गया है| प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर निम्नानुसार होगा-
- Comprehension of given passages (बोधगम्यता)
- Précis Writing (संक्षिप्त लेखन)
- Usage and Vocabulary (शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार)
- Short Essay (लघु निबंध)
नोट:
- भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी के प्रश्नपत्र (प्रश्नपत्र ‘क’ एवं प्रश्नपत्र ‘ख’) मैट्रिकुलेशन अथवा समकक्ष स्तर के होंगे जिनमें केवल अर्हता प्राप्त करनी होगी| इन प्रश्नपत्रों में प्राप्त अंकों को योग्यता क्रम निर्धारित करने में नहीं गिना जायेगा|
- उम्मीदवारों को क्वालिफाइंग अंग्रेज़ी एवं एक भारतीय भाषा के प्रश्नपत्रों का उत्तर क्रमशः अंग्रेज़ी एवं संबंधित भारतीय भाषा में ही लिखना होता है (यदि किसी प्रश्न विशेष में अन्यथा निर्दिष्ट न हो)।
- सभी उम्मीदवारों के निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन ‘भारतीय भाषा’ तथा अंग्रेज़ी के उन अर्हक प्रश्नपत्र के साथ ही किया जायेगा परंतु, निबंध, सामान्य अध्ययन तथा वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्रों पर केवल ऐसे उम्मीदवार के मामले में विचार किया जायेगा, जो इन अर्हक प्रश्नपत्रों में न्यूनतम अर्हता मानकों के रुप में भारतीय भाषा में 25% तथा अंग्रेज़ी में 25% अंक प्राप्त करते हैं|