वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट – 2021 (Global Forest Goals Report – 2021)
- हाल ही मेंसंयुक्त राष्ट्र (United Nation) द्वारा जारी ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट’ (Global Forest Goals Report) 2021 के अनुसार कोविड-19 महामारी ने वनों के प्रबंधन में विभिन्न देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को बढ़ा दिया है।

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‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ (Global Forest Goals Report-2021)
- ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ (Global Forest Goals Report-2021) को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) द्वारा जारी किया गया है।
- दरअसल ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (Department of Economic and Social Affairs) द्वारा निर्मित किया गया है।
- ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ में कोविड-19 महामारी के कारण वनों के प्रबंधन में विभिन्न देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को उल्लिखित किया गया है।
- इसके अतिरिक्त, इस रिपोर्ट में ‘संयुक्त राष्ट्र की वनों के लिए रणनीतिक योजना-2030’ (United Nations Strategic Plan for Forests-2030) के उद्देश्यों और लक्ष्यों का भी मूल्यांकन किया गया है।
‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ के प्रमुख बिन्दु
- ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने वनों के प्रबंधन में विभिन्न देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को उल्लेखनीय रूप से बढ़ा दिया है।
कोविड-19 महामारी का प्रभाव
- वनों पर आश्रित समुदायों को कोविड-19 महामारी ने प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। इस महामारी ने ना सिर्फ वनों पर आश्रित समुदायों को बल्कि समाज के हर तबके को वैश्विक स्तर पर प्रभावित किया है।
- कई समुदाय अपनी आजीविका के लिए आज संघर्षरत हैं।
- वनों पर आश्रित समुदायों ने कोविड-19 महामारी के चलते ना सिर्फ अपने रोजगार को खोया है बल्कि उनकी आय में भी कमी आई है।
- इस महामारी ने समाज के संवेदनशील वर्गों (यथा-महिलाएँ आदि) के लिए मौसमी रोजगार में भारी कमी की है।
- ग्रामीण, दूरदराज़ व दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों (खासकर वनों पर आश्रित समुदाय) को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसलिए यह आबादी इस महामारी के प्रति काफी संवेदनशील हो गई है।
- इसलिए कोविड-19 महामारी वैश्विक स्तर पर सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट बनकर नहीं उभरी है, बल्कि इस महामारी ने ‘हमारे इच्छित भविष्य’ (Future We Want) को हमारी पहुंच से और दूर कर दिया है।
वैश्विक स्तर पर खाद्य असुरक्षा को बढ़ावा
- कोविड-19 महामारी वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों की मौत का कारण बन रही है। इसके अलावा, इसने अनगिनत लोगों को निरपेक्ष गरीबी की ओर धकेल दिया है।
- इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर खाद्य असुरक्षा को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, इसने असमानता की खाई को और बढ़ाया है।
- कोविड-19 महामारी के चलते वर्ष 2020 में विश्व सकल उत्पाद में लगभग 3% तक की गिरावट आई है। वैश्विक महामंदी के बाद, यह विश्व सकल उत्पाद में सबसे बड़ी गिरावट है।
जैव विविधता का ह्रास
- ‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ में वैश्विक स्तर पर जैव विविधता के ह्रास को भी उल्लिखित किया गया है। इसमें बताया गया है कि वनों के विनाश के चलते वैश्विक स्तर पर लगभग एक मिलियन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो चुका है। क्योंकि वर्ष 1980 से 2000 तक उष्णकटिबंधीय वनों का लगभग 100 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल नष्ट हो चुका है।
- जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व की वन पारिस्थितिकी प्रणालियों और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की क्षमताओं को खतरे में डाल रहा है।
- यद्यपि वन इन वैश्विक चुनौतियों के प्रकृति समाधान प्रदान करते रहे हैं, लेकिन वे स्वयं कभी भी इतने जोखिम में नहीं रहे हैं।
‘वैश्विक वन लक्ष्य रिपोर्ट-2021’ के सुझाव
- कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों एवं जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप उत्पन्न चुनौतियों से एकसाथ मिलकर निपटा जा सकता है।
- इसके लिए वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सरकारें व अन्य हितधारकों को मिलकर कार्य करना होगा।
- विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सरकारें व अन्य हितधारकों को संधारणीय विकास और वन प्रबंधन जैसी प्रथाओं पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
- जलवायु और जैव विविधता संकट के साथ-साथ कोविड-19 महामारी से उबरने की राह स्वयं विश्व के जंगलों से जुड़ी हुई है।
- वन और वन-आश्रित लोग इस समाधान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- सतत् रूप से विकसित और प्रबंधित वन रोज़गार, आपदा जोखिम में कमी करने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
- वन जैव विविधता की रक्षा कर सकते हैं और जलवायु शमन तथा अनुकूलन दोनों को आगे बढ़ा सकते हैं।
- जंगलों की सुरक्षा और पुनर्स्थापना पर्यावरणीय कार्यों में से एक है ,जो भविष्य में होने वाली बीमारी के प्रकोप के जोखिम को कम कर सकता है।
- इस रिपोर्ट में भविष्य में कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता संकट के खतरे से निपटने हेतु स्थिर, वन प्रधान और समावेशी अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिये आवश्यक कार्यवाही पर ज़ोर दिया गया है।
विश्व वन की स्थिति
- कुल वन क्षेत्र: वैश्विक वन संसाधन मूल्यांकन 2020 (FRA 2020) रिपोर्ट के अनुसार विश्व का कुल वन क्षेत्र 4.06 बिलियन हेक्टेयर है, जो कि कुल भूमि क्षेत्र का तकरीबन 31 प्रतिशत है। ध्यातव्य है कि यह क्षेत्र प्रति व्यक्ति 0.52 हेक्टेयर के समान है।
फॉरेस्ट कवर में शीर्ष देश-
- विश्व के 54 प्रतिशत से अधिक वन केवल पाँच देशों (रूस, ब्राज़ील, कनाडा, अमेरिका और चीन) में ही मौजूद हैं।