History MCQ’s Set- 2
History MCQ’s (Multiple Choice Questions) Quiz for State and UPSC Civil Services Examinations. Objective Questions on History for competitive examinations.

Also Read: History MCQ’s Set- 4 |
1. निम्नलिखित घटनाओं और ई. को सुमेलित कीजिए-
A. नादिरशाह द्वारा दिल्ली पर कब्जा 1. सन् 1556 में
B. बाबर और इब्राहीम लोदी के बीच 2. सन् 1526 में
पहली लड़ाई
C. हेमू और अकबर के बीच युद्ध 3. सन् 1761 में
D. अहमदशाह अब्दाली और मराठों के 4. सन् 1739 में
बीच युद्ध
कूटः
A B C D
(a) 1 4 3 2
(b) 3 1 4 2
(c) 4 2 1 3
(d) 2 3 1 4
2. सांची का स्तूप किसने बनवाया?
(a) अशोक
(b) गौतम बुद्ध
(c) चन्द्रगुप्त
(d) कौटिल्य
3. प्राचीन सांख्य दर्शन में किसका महत्त्वपूर्ण योगदान है?
(a) कपिल
(b) गौतम
(c) नागार्जुन
(d) चार्वाक
4. ‘गीतगोविन्द’ काव्य के रचयिता कौन हैं?
(a) जयदेव
(b) सूरदास
(c) केशव
(d) मीरा
Also Read: History MCQ’s Set- 3 |
5. कौन-सा राजंवश मध्य प्रदेश से सम्बन्धित है?
(a) कलचुरि
(b) प्रतिहार
(c) चालुक्य
(d) काकतीय
6. चन्देल राजाओं ने निर्माण किया-
(a) सांची
(b) उज्जैन
(c) ग्वालियर
(d) खजुराहो
7. ‘बीजक’ का रचयिता कौन है?
(a) सूरदास
(b) कबीर
(c) रविदास
(d) गुरु नानक
8. ‘भीम बेटका’ किसके लिए प्रसिद्ध है?
(a) गुफाओं के शैलचित्र
(b) खनिज
(c) बौद्ध प्रतिमांए
(d) सोन नदी का उद्गम स्थल
Also Read: History MCQ’s Set- 1 |
9. नालन्दा कहाँ पर स्थित है?
(a) मध्य प्रदेश
(b) आंध्र प्रदेश
(c) उत्तर प्रदेश
(d) बिहार
10. दक्षिण भारत के किस वंश के राजा ने रोम राज्य में एक दूत 26 ई. पू. में भेजा था?
(a) चोल
(b) चेर
(c) पांड्य
(d) चालुक्य
उत्तर:-
(1) (c) व्याख्याः
- 20 अप्रैल, 1526 ई- को बाबर तथा इब्राहीम लोदी के बीच पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ। इस युद्ध में बाबर ने उस्मानी विधि का प्रयोग किया। इस युद्ध में इब्राहिम लोदी पराजित हुआ तथा दिल्ली एवं आगरा तक के प्रदेश बाबर के अधीन हो गये।
- पानीपत का दूसरा युद्ध (5 नवंबर, 1556 ई.) हेमू के नेतृत्त्व में अफगान सेना व बैरम खां नेतृत्व में मुगल सेना के बीच हुआ। गले में तीर लगने पर हेमू के बेहोश हो जाने के पश्चात अफगान सेना पराजित हुई।
- इतिहास में यह लड़ाई पानीपत के द्वितीय युद्ध के रूप में जानी जाती है। पानीपत का तृतीय युद्ध-14 जनवरी, 1761 ई. को अहमदशाह अब्दाली और मराठा सेना के बीच हुआ, जिसमें मराठा सेना बुरी तरह पराजित हुई।
- इस युद्ध में मराठों की ओर से नाममात्र का सेनापति पेशवा का पुत्र विश्वास राव और वास्तविक सेनापति सदाशित राव भाऊ था। इस सेना में यूरोपीय पद्धति से सुसज्जित पैदल सेना तथा तोपखाने की टुकड़ी थी, जिसका नेता इब्राहिम खां गार्दी था।
- 20 मार्च, 1739 को मुगलशासक मुहम्मद शाह के समय फारस के आक्रमणकारी नादिरशाह ने दिल्ली पर कब्जा करके भयंकर लूटपाट एवं कत्लेआम किया।
- नादिर कुल 57 दिनों तक दिल्ली में रहा तथा वापस जाते समय विश्व प्रसिद्ध ‘कोहिनूर हीरा’ तथा शाहजहाँ द्वारा निर्मित ‘तख्त-ए-ताऊस’ को अपने साथ लेता गया।
(2) (a) व्याख्याः
- मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित साँची में प्रमुख स्तूपों की संख्या तीन है। सबसे बड़ा स्तूप महास्तूप के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्तूप का ढांचा तीसरी शताब्दी ई. पू. में अशोक द्वारा बनवाया गया, तत्पश्चात् शुंग शासकों द्वारा इसको विस्तृत किया गया।
- स्तूप का व्यास लगभग 40 मीटर और ऊँचाई 1650 मीटर है। पक्की ईटों की मूल संरचना पर शुंग काल में पत्थर का आवरण चढ़ाया गया। इसके एक ओर के जंगले एवं तोरण द्वार आन्ध्र सातवाहन युग के बनवाए गए। यह अब तक ज्ञात स्पूतों में सबसे बड़ा है।
Also Read: History MCQ’s Set- 6 |
(3) (a) व्याख्याः
- सांख्य दर्शन सबसे पुराना दर्शन है। सांख्य दर्शन के अनुसार जगत की उत्पत्ति ईश्वर से नहीं, अपितु प्रकृति से हुई है।
- चौथी शताब्दी के बाद इस दर्शन में सृष्टि का कारण द्रव्य (प्रकृति) और आत्मा (पुरूष) दोनों को माना जाने लगा। यह दर्शन पहले भौतिकवादी था, बाद में आध्यात्मक की तरफ मुड़ गया।
- इस दर्शन का मानना है कि मोक्ष की प्राप्ति यथार्थ ज्ञान से ही सकती है। सांख्य दर्शन की प्रतिपादक ‘कपिल’ थे। इनकी पुस्तक का नाम ‘सांख्यसूत्र’ है। ज्ञातव्य है कि दर्शन के छः सम्प्रदाय विकसित हो चुके थे।
- सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा ओर वेदांत। योग दर्शन के प्रतिपादक महर्षि पंतजलि थे। न्याय दर्शन के प्रतिपादक गौतम थे। ‘कणाद’ को ‘वैशोषित दर्शन’ का प्रतिपादक माना जाता है।
- मीमांसा दर्शन के प्रतिपादक जैमिनी थे। वेदांत दर्शन के प्रतिपादप वादरायण थे।
(4) (a) व्याख्याः
- ‘गीतगोविन्द’ के रचयिता जयदेव है। जयदेव बंगाल के सेन वंश के राजा लक्ष्मण सेन के दरबारी कवि थे। इसके दरबार में ‘गति-गोविन्द’ के लेखक जयदेव के अलावा हलायुध तथा ‘पवन दूत’ के लेखक धोई एवं ‘आर्य-सप्तशती’ के लेखक गोवर्धन रहते थे।
- ज्ञातव्य है कि सांमत सेन ने राढ़ में सेनवंश की स्थापना की थी। बल्लाल सेन के उत्तराधिकारी लक्ष्मण सेन ने गहड़वाल शासक जयचंद के खिलाफ सैन्य अभियान में सफलता प्राप्त की।
- 1202 ई. में बख्तियार खिलजी ने लक्ष्मणसेन की राजधानी, लखनौती पर आक्रमण किया था। सूरदास ने ‘सूरसागर’, ‘सूर सारावली’, ‘साहित्यलहरी’ की तथा केशवदास ने ‘रामचन्द्रिका नामक काव्यग्रंथ की रचना की।
(5) (a) व्याख्याः
- कलचुरी राजवंश मध्य प्रदेश से संबंधित है। यह राज्य वंश त्रिपुरी (जबलपुर) में शासन करता था। ज्ञातव्य है कि कलचुरी वंश चेदि वंश के नाम से भी प्रसिद्ध है।
- इस वंश की स्थापना कोकल्ल प्रथम ने की थी। त्रिपुरी कलचुरियों की राजधानी थी। कलिंग विजय के बाद कर्णदेव ने ‘त्रिकलिंगाधिपति’ की उपाधि धारण की।
(6) (d) व्याख्याः
- खजुराहों, मध्य प्रदेश प्रांत के छतरपुर जिलें में पड़ता है। खुजराहों के ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने (900-1100 ई.) कराया था।
- इन मंदिरों के 1999 ई. में एक हजार साल पूरा होने पर राज्य सरकार द्वारा 6 मार्च, 1999 में वर्ष भर शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है।
- म. प्र. के रायसेन जिले में स्थित सांची के स्तूपों का निर्माण मौर्य शासक अशोक ने कराया थ।
- उज्जैन क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित हैं, जहाँ पर प्रसिद्ध कुम्भ मेला प्रति 12 वर्ष बाद लगता है। यहाँ पर महाकालेश्वर मंदिर है।
(7) (b) व्याख्याः
- कबीर दास (1398-1518 ई-) रामानंद के प्रिय शिष्य थे। इनके अनुसार ईश्वर एक है, सिर्फ इनके नाम अनेक हैं।
- इन्होंने अपनी रचनाओं ‘साखी’ ‘सबद’ और ‘रमैनी’ में हिन्दू और मुस्लिम दोनों को ही शिक्षा दी। इनकी रचना ‘सबद’ के पद सिक्खों के ‘आदिग्रंथ’ में संग्राहित हैं।
- ज्ञातव्य है कि कबीर की वाणी का ‘बीजक’ नाम से संकलन निर्गुण भक्त सन्त धर्मदास ने किया है।
- सूरदास (15वीं-16 वीं शताब्दी) ये बल्लभाचार्य के शिष्य तथा कृष्ण और राधा के भक्त थे। ये सगुण भक्तिधारा से सम्बद्ध थे। इनकी प्रमुख कृतियां सूर सारावली, सूर सागर तथा साहित्य लहरी है।
(8) (a) व्याख्याः
- ‘भीम बेटका’ नर्मदा नदी के तट पर रायसेन जिले (मध्य प्रदेश) में स्थित है। यहाँ की गुफाओं में पशु, पक्षी तथा मनुष्य के शैल चित्र बनाये गये हैं। ये चित्र मध्य पाषाण काल से सम्बन्धित हैं।
Also Read: Science MCQ’s Set- 1 |
(9) (d) व्याख्याः
- नालन्दा बिहार राज्य में स्थित है। चीनी यात्री (ह्वेंसांग जो हर्षवर्धन काल में आया था, के अनुसार उस समय नालन्दा विश्वविद्यालय अपनी चरम ख्याति पर था। यह बौद्ध सभ्यता तथा प्राचीन काल में विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध था।
(10) (c) व्याख्याः
- भारत और रोम के बीच अच्छे व्यापार के कारण पांड्य राज्य अधिक समृद्ध और सम्पन्न था। इस व्यापार को और अधिक अभिवृद्धि करने के लिए पांड्य राजाओं ने रोम सम्राट आगस्टस और ट्रोजन के पास राजदूत भेजे थे।
- इस समय पांड्य वंश में नैडुनजेलियान का शासन था। पांड्यों के अधीन उनकी राजधानी मदुराई तथा पांड्य बंदरगाह कोरकई व्यापार और वाणिज्य के महत्त्वपूर्ण केंद्र थे।
भारतीय इतिहास के बारे में पढ़े…