मिजोरम का मौबुआंग गांव
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में दक्षिण मौबुआंग मिजोरम का पहला ODF प्लस गांव बना, इसे हम अपने उत्तर लेखन में एक केस स्टडी के रूप में शामिल कर सकते है।

Also Read: यूक्रेन पर रूस-अमेरिका में टकराव | Russia-US confrontation |
मुख्य बिंदु:-
- मिजोरम में आइजोल जिले के ऐबॉक प्रखंड के दक्षिण मौबुआंग गांव के सभी घरों और संस्थानों में ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन के लिए चालू शौचालय और किए गए उचित उपायों को देखते हुए उस गांव को आदर्श ODF प्लस गांव (यानी खुले में शौच से मुक्त ऐसा गांव जहां ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन की पूरी व्यवस्था की गई हो) घोषित किया गया है। यह गांव एसबीएम-जी चरण दो दिशानिर्देशों के अनुसार सभी मानदंडों को पूरा करता है।
- आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 116 घरों के 649 लोगों की आबादी वाला यह मौबुआंग गांव मिजोरम राज्य में पहले ODF प्लस गांव के रूप में सामने आया है। गांव के लिए यह दर्जा हासिल करने में पूरा समुदाय लगा हुआ था।
मिजोरम का मौबुआंग गांव द्वारा प्राप्त की गयी महत्पूर्ण उपलब्धिया-
ODF निरंतरता
- गांव के सभी तीन स्कूलों, दो आंगनवाड़ी केंद्रों, सामुदायिक हॉल और भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र (बीएनजीआरएसके) हॉल में शौचालयों की अच्छी व्यवस्था है। यहां के स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए शौचालय की अलग-अलग सुविधाएं हैं।
- सामुदायिक हॉल में समारोहों और कार्यक्रमों के लिए आने वाले लोगों को जरूरी सुविधाएं देने के लिए उसके पास ही हाल में एक सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण किया गया है।
स्वाभिवक तरीके से सड़ने योग्य अपशिष्ट प्रबंधन
- 2021 में इस गांव को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें 5 लाख रुपये की पुरस्कार राशि शामिल थी। ग्राम परिषद ने इस पुरस्कार राशि का उपयोग हर घर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए किया। इसलिए आज कुल घरों में से 98 प्रतिशत घरों में स्वाभाविक रूप से सड़ने वाली अपशिष्ट सामग्री को निपटाने की व्यवस्था है। इसके अलावा, गांव ने विभिन्न संस्थानों और स्कूलों में एसबीएम-जी और मनरेगा फंड से सामुदायिक कम्पोस्ट गड्ढों का निर्माण किया।
तरल अपशिष्ट प्रबंधन
- जहां तक तरल अपशिष्ट प्रबंधन की बात है, सड़कों में ढलान की ओर स्थित सभी घरों में इस्तेमाल किए गए पानी का प्रवाह उनके सब्जी बागान (किचन गार्डन) में होता है।
- इसलिए, उन्हें सोखने के लिए गड्ढों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि घरों में इस्तेमाल होने के बाद बहने वाले पानी का प्राकृतिक रूप से निपटान किया जाता है। नतीजतन, घरों के सब्जी बागान में कद्दू, मक्का, बीन्स, सरसों आदि जैसी अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां प्राप्त होती हैं, जिनका उपयोग परिवार घर में सब्जियों के रूप में करते हैं।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन-
- भले ही प्लास्टिक उत्पाद लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं, लेकिन यह, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती के रूप में उभरा है, जिसके कारण गांवों को ODF प्लस घोषित करने के लिए प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को एक महत्वपूर्ण मानदंड बनाया गया है।
- दक्षिण मौबुआंग गांव में हर हफ्ते गांव की जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) द्वारा घर-घर प्लास्टिक कचरा एकत्र किया जाता है और फिर गांव के प्लास्टिक कचरा संग्रह क्षेत्र में डाल दिया जाता है।
- जब बड़ी मात्रा में प्लास्टिक जमा हो जाता है, तो इसे ऐबॉक प्रखंड में प्लास्टिक अपशिष्ट संसाधन प्रबंधन केंद्र में ले जाया जाता है, जहां इसे काटा-छांटा जाता है या बेलिंग मशीन में डाल दिया जाता है। बच्चों का स्वच्छता क्लब भी टॉफी के बदले प्रत्येक घर से प्लास्टिक एकत्र करता है।
- इसके अलावा, प्लास्टिक के डिब्बे गांव के हर कोने में रखे गए हैं और गांव द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया गया है। प्लास्टिक अपशिष्ट संसाधन केंद्र की शुरूआत प्रभावी प्लास्टिक निपटान प्रबंधन सुनिश्चित करती है।
मल कीचड़ प्रबंधन –
- सक्रिय सामुदायिक भागीदारी के साथ वीडब्ल्यूएससी लगातार मल कीचड़ का उचित निपटान सुनिश्चित करते हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन चरण-I में शौचालय से जुड़े पारंपरिक गड्ढों से एकल गड्ढों की ओर बढ़ते हुए गांव के सभी घरों में अब या तो दो गड्ढे हो गए हैं या सेप्टिक टैंक बन गए हैं जो सोख गड्ढों जैसे काम करते हैं।
Also Read: भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक- 2021 | Corruption Perceptions Index |
क्या होता है ODF?
- ODF का फुल फॉर्म “Open Defecation Free (ओपन डेफिकेसन फ्री)” होता है। इसका हिंदी भाषा में अर्थ “खुले में शौच मुक्त” होता है। इसे सामान्य भाषा में एक योजना कह सकते है, जिसके माध्यम से देश को खुले में शौच मुक्त बनाना है। सरकार द्वारा देश में स्वच्छता तथा सफाई को बनाये रखने की दिशा में यह एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
- भारत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत देश को दुनिया का सबसे साफ, स्वच्छ तथा सुंदर देश बनाने के लिए 2 October 2014 को देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जंयती पर सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया और फिर इस दिशा में उन्होंने सबसे पहले “स्वच्छ भारत मिशन” अभियान को लागू कर दिया ।
- सरकार का इस अभियान को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश को खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free) करना था। जिसके लिए देश के प्रत्येक घर मे शौचालय की सुविधा दी गई, तथा लोग शौच के लिए उसी का प्रयोग करे, इस बात पर विशेष जोर दिया गया, जिसके लिए लोगों को घर मे शौचालय बनाने के लिए सरकार की तरफ से मौद्रिक मदद प्रदान की गई।
- जिससे भारत के प्रत्येक घर मे शौचालय बनावाये गए और इसके साथ ही लोगों को इसके फायदे तथा नुकसानों की जानकारी दी गई एवं लोगो को इसके उपयोग के लिये भी जागरुक किया गया।
ODF अभियान के मुख्य उद्देश्य –
- सरकार द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत मिशन को “स्वच्छ भारत अभियान” के नाम से भी जाना जाता है। यह अभियान एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है, जिसके अंतर्गत पूरे देश को स्वच्छ तथा साफ करने का उद्देश्य बनाया गया है ।
- इसके लिए कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार है –
- इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण देश को स्वच्छ तथा गंदगीमुक्त करने का है ।
- लोगों द्वारा खुले में शौच करने पर पूर्ण रूप से रोक लगाने का है ।
- देश के प्रत्येक घर मे शौचालय का निर्माण करवाना है ।
- देश मे व्याप्त गंदगी को मिटाना, प्रत्येक गांव तथा शहर के लिये पक्की सड़कों का निर्माण करवाने का है ।
- सार्वजनिक स्थानों पर कचरेदानो तथा शौचालय का निर्माण करवाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई ।