राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 (National Startup Awards 2022)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भारत सरकार ने 17 सेक्टरों तथा 7 विशेष वर्गों में राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारो का तीसरा संस्करण लॉन्च किया।

मुख्य बिंदु :-
- उद्योग तथा आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारों का तीसरा संस्करण लांच किया है।
- गौरतलब है की आजादी का अमृत महोत्सव की तर्ज पर, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 स्टार्टअप्स तथा सक्षमकर्ताओं को सम्मानित करेगा, जो भारत की विकास गाथा में क्रांतिकार परिवर्तन लाने में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं तथा जिनके भीतर आत्म निर्भर भारत की भावना को और प्रज्ज्वलित करने की शक्ति तथा क्षमता है।
- उल्लेखनीय है की प्रथम राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारों की घोषणा 2020 में आरंभ हुई तथा उसमें देश भर के 1,600 से अधिक स्टार्टअप्स तथा परितंत्र सक्षमकर्ताओं से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
- हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2021 में 2,200 से अधिक स्टार्टअप्स तथा परितंत्र सक्षमकर्ताओं की सहभागिता देखी गई थी। दो सफल संस्करणों के आयोजन के बाद, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 आवेदनों के लिए खोल दिया गया है।
- स्टार्टअप्स के लिए पुरस्कार 50 उप-सेक्टरों में वर्गीकृत 17 सेक्टरों में दिए जाएंगे। 17 सेक्टर हैं कृषि, पशुपालन, निर्माण, पीने का पानी, शिक्षा तथा कौशल विकास, ऊर्जा, उद्यम प्रौद्योगिकी, पर्यावरण फिनटेक, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य एवं कल्याण, उद्योग 0, मीडिया एवं मनोरंजन, सुरक्षा, अंतरिक्ष , परिवहन तथा यात्रा।
- इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप्स के लिए पुरस्कारों के सात विशेष वर्ग हैं:
- महिला केंद्रित स्टार्टअप्स
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव
- कैम्पस स्टार्टअप्स
- विनिर्माण उत्कृष्टता
- महामारी से निपटने में नवोन्मेषण (बचाव संबंधी, डायग्नोस्टिक, उपचार संबंधी, निगरानी, डिजिटल संपर्क, वर्क फ्राम होम सॉल्यूशंस आदि)
भारतीय भाषाओं में सॉल्यूशन डिलीवरी या व्यवसाय प्रचालन
- पूर्वात्तर (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम तथा त्रिपुरा) तथा पहाड़ी क्षेत्रों (हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख) से स्टार्टअप्स।
राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022-
- राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2022 एक मजबूत स्टार्टअप परितंत्र के प्रमुख मूलभूत अंग के रूप में असाधारण इंक्यूबेटरों तथा एक्सीलेरेटरों को भी पुरस्कृत करेगा।
- प्रत्येक विजेता स्टार्टअप को पांच लाख रुपये का नगदी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
- विजेताओं तथा उप-विजेताओं को संभावित प्रायोगिक परियोजनाओं तथा वर्क ऑर्डरों और निवेशकों के साथ पिचिंग अवसरों के लिए संगत सार्वजनिक प्राधिकरणों तथा कॉरपोरेट्स को अपने सॉल्यूशन प्रस्तुत करने का भी अवसर दिया जाएगा। उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्टार्टअप कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए भी प्राथमिकता दी जाएगी।
- एक विजेता इंक्यूबेटर तथा एक विजेता एक्सीलेरेटर प्रत्येक को 15 लाख रुपये का नकदी पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कारो का उद्देश्य –
- ऐसे उत्कृष्ट स्टार्टअप्स और इकोसिस्टम एनेबलर्स को पहचानना व पुरस्कृत करना जो नवोन्मेषी उत्पादों या समाधानों एवं स्केलेबल उद्यमों का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें रोज़गार सृजन या धन सृजन की उच्च क्षमता शामिल है, जो मापन योग्य सामाजिक प्रभाव का प्रदर्शन करते हैं।
स्टार्टअप इंडिया पहल के बारे में –
- स्टार्टअप इंडिया पहल की घोषणा 15 अगस्त, 2015 को भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा की गई थी।
- इस प्रमुख पहल का उद्देश्य देश में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना है जो सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
- इसके अलावा, 16 जनवरी, 2016 को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा स्टार्टअप इंडिया के लिए एक कार्य योजना का शुभारंभ किया गया था। इस कार्य योजना में “सरलीकरण और हैंडहोल्डिंग”, “निधियन सहायता और प्रोत्साहन” और “उद्योग शैक्षणिक भागीदारी और इन्क्युवेशन” जैसे क्षेत्रों में फैले 19 कार्य मदें शामिल हैं।
- भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया पहल के विजन को वास्तव में साकार करने की दिशा में तेजी से प्रयास किए हैं। स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत पर्याप्त प्रगति की गई है, जिसने पूरे देश में उद्यमशीलता की भावना को जगाया है।
- उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) का अन्य सरकारी विभागों के साथ स्टार्टअप इंडिया पहल के कार्यान्वयन का समन्वय अनिवार्य है।
- DPIIT के अतिरिक्त, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत पहलें मुख्य रूप से पांच सरकारी विभागों अर्थात विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), शिक्षा मंत्रालय, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तथा कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) और नीति आयोग संचालित होते हैं।