रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंध
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में यूक्रेन पर रूसी हमले के फलस्वरूप अमेरिका और उसके सहयोगी देशों व साझेदारों सहित जापान ने वैश्विक वित्तीय तंत्र ‘स्विफ्ट’ से प्रतिबंधित रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने का फैसला किया है।

मुख्य बिंदु :-
- अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा जारी संयुक्त बयान के अनुसार, प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्गों की संपत्तियों का पता लगाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संयुक्त कार्य बल गठित किया गया है।
- स्विफ्ट से हटाए जाने का अर्थ है कि रूस के बैंक विश्व के अन्य देशों के वित्तीय संस्थानों से व्यापार से जुड़े लेन- देन नहीं कर सकेंगे।
- इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है और अगर रूस इससे बाहर होता है, तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
- अमेरिका और उसके सहयोगियों के अनुसार रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के साहसी प्रयासों में यूक्रेन सरकार और उसके लोगों के साथ खड़े होने हेतु यह अति आवश्यक है।
- रूस का युद्ध उन मूलभूत अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं मापदंडों का अपमान है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से कायम हैं और जिनकी रक्षा करने के लिए विश्व प्रतिबद्ध हैं।
- बैंकों को ‘स्विफ्ट’ से हटाना गंभीर प्रतिबंध माना जाता है, क्योंकि लगभग सभी बैंक इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। रूस अपने अहम तेल एवं गैस निर्यात के लिए इस प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है।
- अमेरिका और उसके सहयोगी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि चुनिंदा रूसी बैंकों को ‘स्विफ्ट’ संदेश प्रणाली से हटाया जाएगा।
- इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये बैंक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग हो जाएंगे और इससे उनकी वैश्विक स्तर पर संचालन की क्षमता कमजोर होगी।
- दूसरी बात यह है कि रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंध ‘रशियन सेंट्रल बैंक’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित निधि की आपूर्ति से रोकेंगे, ताकि अन्य प्रतिबंधों के प्रभाव कमजोर नहीं हों।
- तीसरी बात यह है कि यह यूक्रेन के युद्ध में मदद करने वाले लोगों व प्रतिष्ठानों और रूस सरकार की नुकसानदेह गतिविधियों के खिलाफ काम करने के लिए प्रतिबद्धता होगी।
- विशेष रूप से, उन नागरिक तथा तथाकथित स्वर्णिम पासपोर्ट की बिक्री को सीमित करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनके कारण रूस सरकार से जुड़े धनाढ्य रूसी नागरिक हमारे देशों के नागरिक बनते हैं
- इससे पहले, रूस को स्विफ्ट प्रणाली से अलग करने को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) के भीतर असहमति थी, क्योंकि इससे तेल और गैस के लिए भुगतान प्रभावित होने की आशंका थी। इस प्रकार रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका समेत पश्चिमी देश स्विफ्ट प्रणाली को एक हथियार की तरह प्रयोग कर रहे हैं।
प्रतिबंध के मायने
- ब्रसेल्स स्थित ब्रगेल थिंक टैंक के अनुसार स्विफ्ट के प्रयोग पर रोक से रूस पर होने वाला असर बहस का मुद्दा है। सीधे तौर पर इसका अर्थ है कि रूसी बैंक अन्य देशों के संस्थानों के साथ वित्तीय लेन देन के लिए स्विफ्ट का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
- यह बड़ा सिरदर्द होगा क्योंकि कई यूरोपीय देश रूस के साथ बड़ा लेन देन करते हैं। रूस इन देशों के लिए सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस आपूर्तिकर्ता है। यही कारण है कि 2014 में क्रीमिया पर अधिकार के समय रूस को पश्चिमी देशों से स्विफ्ट से प्रतिबंधित करने की सिर्फ धमकी ही मिली थी।
- वैसे आर्थिक लेन देन के लिए रूस के पास खुद के दो वित्तीय सिस्टम भी हैं, एसएफपीएस और मीर। एसएफपीएस जहां बैंकों के बीच धन के लेन देन का माध्यम है, वहीं वीजा और मास्टरकार्ड की तरह मीर कार्ड के द्वारा भुगतान का सिस्टम है।
- नेशनल एसोसिएशन रोसस्विफ्ट के अनुसार, विश्व में अमेरिका के बाद रूस स्विफ्ट का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। करीब 300 रूसी वित्तीय संस्थान स्विफ्ट के माध्यम से लेन देन करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, रूस के आधे से अधिक वित्तीय संस्थान स्विफ्ट के सदस्य हैं।
- रूस से पहले भी स्विफ्ट के प्रयोग से जुड़े प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। नवंबर, 2019 में ईरान के खिलाफ इस हथियार का प्रयोग किया गया और उसके बैंकों के स्विफ्ट के प्रयोग पर रोक लगी थी।
- तब अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए थे और स्विफ्ट को लेकर भी अमेरिका ने चेतावनी जारी की थी। ईरान इससे पहले भी 2012 से 2016 तक स्विफ्ट से अलग रहा था।
सोसाइटी फार वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन
- ‘सोसाइटी फार वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ (स्विफ्ट) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संदेश सेवा है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है।
- सुरक्षित और कम खर्चीले माध्यम के तौर पर 1973 में स्विफ्ट प्रणाली लागू की गई थी। यह खुद किसी राशि के हस्तांतरण से सीधे नहीं जुड़ता। यह संदेश के आदान प्रदान की एक प्रणाली है जिसे तब प्रचलित टेलेक्स मशीन के बजाय प्रयोग के लिए बनाया गया था।
- यह बैंकों को आपस में एक दूसरे से सुरक्षित, तेज और बेहद कम खर्च में संदेशों के आदान प्रदान का माध्यम प्रदान करती है। बेल्जियम की यह गैर सूचीबद्ध फर्म दरअसल बैंकों की एक सहकारी समिति सरीखी है जो निष्पक्षता से काम करने का दावा करती है। अर्थात स्विफ्ट प्रणाली को विश्व में विभिन्न देशों के बीच आर्थिक लेन देन की रीढ़ माना जाता है।
स्विफ्ट प्रणाली के प्रमुख कार्य
- बैंक इसके माध्यम से आपस में धन के हस्तांतरण के संदेश भेजते हैं, ग्राहकों को धन भेजते हैं और संपत्तियों की खरीद-फरोख्त करते हैं।
- विश्व के दो सौ से अधिक देशों के 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थान इसका प्रयोग करते हैं।
- वैश्विक पहुंच के कारण इसे आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग भी करना पड़ता है।
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