मौर्योत्तर काल (Post-Maurya Period) मौर्योत्तर काल (Post-Maurya Period) लगभग 200 बी.सी.ई. से 300 सी.ई. के बीच के काल को इतिहास की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जाता है और इसे मौर्योत्तर काल (Post-Maurya Period) के रूप में जाना जाता है। सबसे पहले तो उत्तर भारत में उत्तर-पश्चिम दिशा से इतने आक्रमण हुए कि राजनीतिक सत्ता मगध […]
मौर्य साम्राज्य का इतिहास | History of Mauryan Empire
मौर्य साम्राज्य (Mauryan Empire) मौर्य साम्राज्य का उदय मगध के विकास के साथ-साथ मौर्य साम्राज्य का उदय हुआ। मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य (लगभग 321 बी.सी.ई.) का शासन पश्चिमोत्तर में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला था। उनके पौत्र अशोक ने जिन्हें आरंभिक भारत का सर्वप्रसिद्ध शासक माना जा सकता है, कलिग (आधुनिक उड़ीसा) पर […]
जैन धर्म का इतिहास | History of Jainism
जैन धर्म (Jainism) जैन धर्म के तीर्थंकर जैन धर्म में तीर्थ का अर्थ उन नियमों से है जो मनुष्य को भव सागर के पार उतार दो। कर का अर्थ करने वाला या बनाने वाला है। जैन विश्वास करते हैं कि महावीर स्वामी एक नये धर्म के संस्थापक नहीं थे, अपितु वे 24 तीर्थकरों की दीर्घ परम्परा […]
बौद्ध धर्म का इतिहास | History of Buddhism
बौद्ध धर्म (Buddhism) 6वीं सदी बी.सी.ई. में नये धर्मों के उदय के कई कारणों में सबसे वास्तविक कारण था उत्तर-पूर्वी भारत में नई कृषि व्यवस्था में निहित परिवर्तन। जो 6वीं सदी ई.पू. में लोहे के प्रचुर मात्रा प्रयोग के द्वारा जंगलों को साफ कर कृषि योग्य भूमि का विस्तार किया गया और नवीन बस्तियां बसाई […]
6वीं सदी बी.सी.ई. में धार्मिक आंदोलन | Religious Movement
6वीं सदी बी.सी.ई. में धार्मिक आंदोलन 6वीं सदी बी.सी.ई. भारत में धार्मिक आंदोलन उत्तर भारत की मध्य गंगा घाटी में 6वीं सदी बी.सी.ई. में धार्मिक आंदोलन का उदय हुआ। अनेक मत तथा दर्शनों के प्रादुर्भाव ने बौद्धिक आंदोलन का रूप ग्रहण कर लिया। 6वीं सदी बी.सी.ई. में धार्मिक आंदोलन की इन बौद्धिक गतिविधियों का केन्द्र […]