आर्थिक संवृद्धि और विकास (Economic Growth and Development) अर्थशास्त्र, दुर्लभता से सफलतापूर्वक निपटने हेतु तीव्र चुनाव से संबंधित अध्ययन है। दुर्लभ संसाधनों के आबंटन की सफलता के मूल्यांकन का सबसे अधिक मौलिक माप, आर्थिक संवृद्धि है। व्यक्ति, अपनी आय और परिसंपत्तियों के मूल्य में परिवर्तन पर निगरानी रखते हैं। व्यवसाय अपने लाभों तथा बाजार में […]
भारतीय अर्थव्यवस्था | Indian Economy
भारतीय अर्थव्यवस्थाः अंग्रेजों से पूर्व एवं पश्चात् Indian Economy: Before and After the British औपनिवेशिक शासन की स्थापना के समय भारतीय अर्थव्यवस्था भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना 18वीं शताब्दी के मध्य में हुई। अंग्रेजों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक ढाँच को पूर्णतः नष्ट कर दिया। कृषि की स्थिति भारत कृषि प्रधान देश रहा है। 18वीं […]
शैल एवं खनिज | Rock and Minerals
शैल एवं खनिज हमारी पृथ्वी पर मिलने वाली ठोस परत ‘स्थलमंडल’ है जिसकी अधिकतम मोटाई 100 किमी. है। स्थलमंडल चट्टानों (शैलों) से निर्मित है और चट्टानें खनिजों से बनी हैं। हम जिन चट्टानों द्वारा भू-पृष्ठ का अध्ययन करते हैं वे भूतल पर मिलती हैं या गहरी खानों से निकाली जाती हैं या महासागरीय अधोभाग के वेधन […]
भूकंप | Earthquake
भूकंप जब किसी भूखंड में आंतरिक उथल-पुथल होने पर धरातल काँप उठे, तब उसका यह काँपना (उसमें कंपन उत्पन्न होना) ‘भूकम्प’ कहलाता है। भूकंप में कंपन की तरंगे उत्पन्न होती हैं जो अपने उद्गार-केंद्र से चारों ओर चली हैं। ये तंरगें जब भूपटल की चट्टानों से होकर गुजरती हैं तो धरातल कम्पन करने लगता है। […]
ज्वालामुखी | Volcano
ज्वालामुखी भू-पृष्ठ का वह छिद्र, दरार या पतला मार्ग जिससे भू-पृष्ठ के नीचे की पिघली चट्टान धरातल (पृथ्वी की सतह) पर आ जाती है, ज्वालामुखी कहलाता है। पृथ्वी के आंतरिक भाग में चट्टानों के दबाव के कारण या रेडियोधर्मी खनिजों (यूरेनियम, थोरियम आदि) के विखंडित होने के कारण ताप में वृद्धि होती रहती है। इस […]