उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 | UP Budget 2022
- वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा में उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 पेश किया गया जिसे वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा लगातार छठी बार पेश किया गया हैं। इस बार के बजट में राज्य सरकार चुनावी घोषणाओं को बजट प्रावधान के दायरे में लाने की तैयारी है।
- योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से दूसरे कार्यकाल का पहला बजट विधानसभा में पेश कर दिया गया। उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 के लिए 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ का बजट पेश किया गया है। बजट में सभी वर्गों का रखा गया ध्यान रखा गया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी विधानसभा में बजट पेश किया।
- बजट पेश करते हुए उन्होंने का कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में लगातार प्रदेश विकास के मार्ग पर बढ़ रही है। हमने माफियाओं पर कार्रवाई की। प्रदेश में विधि व्यवस्था का माहौल बनाया। प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज स्थापित होने से बड़े पैमाने पर निवेश हो रहे हैं।

- प्रदेश में 5 लाख किसानों को किसान निधि की राशि का लाभ दिया गया है। यूपी में जल्द ही 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार हो जाएगा। देश का यह पहला राज्य होगा।
- यूपी विधानसभा में उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 पेश होने के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि का बजट है। संकल्प पत्र के वादों को पूरा करने के साथ ही नए संकल्पों को भी शामिल किया गया है।
- बजट के मुख्य प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब उज्जवला योजना के लाभाार्थियों को वर्ष में 2 सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। अगले 5 साल में मुफ्त सिंचाई का लक्ष्य है। हर परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार मिलेगा। एमबीबीएस की सीटें दोगुनी होंगी। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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धार्मिक आयोजनों पर उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 की घोषणाए
- धार्मिक आयोजनों पर भी सरकार की ओर से विशेष जोर दिया गया है। प्रयागराज में होने वाले पूर्ण कुंभ के आयोजन को लेकर सरकार की ओर से तैयारियां शुरू की जा रही हैं।
- 2 साल बाद होने वाले आयोजन पर इस वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य ट्रस्ट की ओर से चल रहा है। सरकार की ओर से शहर को सजाने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में अयोध्या के सूर्यकुंड के विकास के लिए 140 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
किसानों को लेकर उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 की घोषणाएं:
- किसानों की दुर्घटनावश मौत या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 5 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान है उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में इस योजना हेतु 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कृषकों को सिंचाई हेतु डीजल विद्युत के स्थान पर वैकल्पिक ऊर्जा प्रबन्धन के अन्तर्गत प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना के अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्पों की स्थापना करायी जा रही है।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना करायी जाएगी।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 20 लाख कुन्टल बीजों का वितरण किया जाना प्रस्तावित है।
- वर्ष 2022-2023 में 30 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य है।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में 34,307 राजकीय नलकूपों तथा 252 लघु डाल नहरों द्वारा कृषकों को मुफ्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
- मुख्य मंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति क्विंटल और धान ग्रेड ए का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1960 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया।
उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 की बड़ी घोषणाएं:
- वृद्धावस्था पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 की गई है।
- बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है।
- 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़ का बजट दिया गया है।
- ग्रीन फील्ड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 695 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- पीडब्लूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ का बजट प्रावधान है।
- काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया।
- प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़ दिए गए हैं।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कॉरिडोर के किनारे विकास कार्य होंगे।
- बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
- नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19,500 करोड़ से अधिक प्रस्तावित किया गया है।
महिलाओं को लेकर उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में हुई घोषणाएं:
- प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है।
- प्रदेश केजिलों में 2740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया है।
- लखनऊ, गोरखपुर और बदायूं में तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।
- प्रदेश में जिला स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है। महिला सामर्थ्य योजना के लिए 72 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
- बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओं के आवाहन में यूपीएसईई 2018 की 100 टॉपर छात्राओं को लैपटॉप और 100 टॉपर एससी और एसटी छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया गया है।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास हेतु 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2021 से 1500 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन राशि प्रदान की रही है।
छात्र और युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में घोषणाएं:
- 5 साल में 4 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है।
- माध्यमिक शिक्षा में 7540 पदों पर भर्ती की जाएगी।
- मेडिकल कॉलेजों में 10 हजार पद भरे जाएंगे।
विकास को ऐसे लगेंगे पंख:
- कल्याण सिंह के नाम पर ग्राम उन्नति योजना चलेगी। इसके तहत गांवों में सोलर लाइट लगेंगे।
- कानपुर मेट्रो रेल को 747 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है।
- आगरा मेट्रो रेल को 597 करोड़ का बजट पेश किया गया है।
- दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को 1306 करोड़ प्रस्तावित है।
- बनारस और गोरखपुर में भी मेट्रो रेल शुरू होगी।
- बुंदेलखंड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
- बनारस और गोरखपुर मेट्रो के लिए 100 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है।
- स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए 1353 करोड़ का बजट रखा गया है।
- बुंदेलखंड की विशेष योजना के लिए 500 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
- वनटांगिया और मुसहर आवास के लिए 508 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है।
- पीएम ग्राम सड़क योजना के लिए 7373 करोड़ का बजट रखा गया है।
सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में किए गए विशेष प्रावधान
- मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ और रामपुर में एटीएस सेन्टर का निर्माण कराने की योजना तैयार की गई है। प्रदेश में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए यूपी विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रुपये की व्यवस्था उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रस्तावित की गई है।
- साथ ही, यूपी 112 योजना के दूसरे चरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रुपये का उत्तर प्रदेश बजट 2022- 2023 में प्रावधान किया गया है। सिटी सेफ योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में कार्यक्रम चलेंगे। इसके लिए बजट में 523 करोड़ 34 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है।
- जिलों के थानों को सुरक्षा उपकरणों और हथियारों से लैस करने के लिए 250 करोड़ का बजट रखा गया है। सरकार की ओर से साफ किया गया है कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला और लखनऊ में यूपी फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के निर्माण की योजना पर भी काम पूरा कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में 1.41 करोड़ बिजली कनेक्शन
- प्रदेश में 41 करोड़ बिजली कनेक्शन दिया गया। निवेश से पांच लाख रोजगार उत्पन्न करने में सहायता मिली है।
- 15 करोड़ किसानों को मुफ्त राशन की सुविधा दी गई। कोरोना काल में इस योजना का लाभ गरीब परिवारों को मिला।
- यूपी में फिल्म सिटी के निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है। गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया गया है।
नई योजनाओं पर भी रहेगा जोर
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में में विकास कार्यों और नई योजनाओं के लिए करीब 50 लाख करोड़ रुपये का ऐलान हो सकता है। बजट में लोक कल्याण संकल्प पत्र के 50 प्रतिशत से अधिक वादों को पूरा करने पर जोर होगा।
- बजट में प्रदेश में चल रही मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर सरकार का जोर होगा। गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 1000 करोड़ रुपये और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान हो सकता है। इसके अलावा कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए भी बजट का प्रावधान होगा।
सभी पक्षों को ध्यान में रखने की होगी कोशिश
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में योगी सरकार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को अमली जामा पहनाती दिखेगी। इसके लिए विधानसभा के चुनावी वादों को पूरा कराने पर जोर रहेगा। मेधावी छात्राओं के लिए स्कूटी योजना शुरू करने की घोषणा भाजपा की ओर से की गई थी। गुरुवार को पेश होने वाले बजट में इसका प्रावधान किया जा सकता है।
- इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से लेकर डिफेंस कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किए जाने की संभावना है। अयोध्या और मथुरा के विकास के लिए बजट का प्रावधान किया जा सकता है।
प्रतियोगी छात्रों को घर के पास ही मिलेगी कोचिंग
- प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के पास ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा सभी मण्डल मुख्यालयों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया गया है।
- योजना का विस्तार प्रदेश के सभी जनपदों में किया जा रहा है योजना हेतु उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 03 सालों के लिए किताब और पत्रिका क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के लिये 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी पदक विजेता खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के माध्यम से राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था की गई है।
- वाराणसी में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिये भूमि क्रय हेतु 95 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित। मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
- भारत सरकार की खेलो इंडिया एक जनपद- एक खेल योजनान्तर्गत प्रदेश के 75 जनपदों में खेलों इण्डिया सेन्टर्स की स्थापना प्रस्तावित है।
5 साल में 2 करोड़ स्मार्ट फोन-टैबलेट वितरण का लक्ष्य
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से 5 सालों में 2 करोड़ स्मार्ट फोन या टैबलेट वितरित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 के लिये 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- युवाओं के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नयी उप्र स्टार्टअप नीति -2020 के अन्तर्गत 5 सालों में प्रत्येक जनपद में कम से कम से एक तथा कुल 100 इन्क्यूबेटर्स एवं 10,000 स्टार्टअप्स की स्थापना का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष अब तक 47 इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं तथा 5600 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत हो चुके हैं।
निराश्रित महिलाओं की पेंशन बढ़ी
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश में निराश्रित महिला पेंशन को बढ़ाकर 1000 रुपए कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में इस योजना के लुए 4032 करोड़ रुपए का प्रवाधान। इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन को भी बढ़ाकर 1000 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है, जिसका बुजुर्ग महिलाओं को भी लाभ मिलेगा।
- सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया है, जिससे गरीब बेटियों की शादी में खर्च किया जाएगा। प्रदेश में 9 से 14 साल की एक लाख बालिकाओं को एचपीवी वैक्सीन की दोनों खुराक के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुए “महिला हेल्प डेस्क ” की स्थापना की गई है।
संत रविदास और संतकबीर संग्रहालय बनेगा
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में वाराणसी में संत रविदास और संत कबीर संग्रहालय बनेगा। दोनों संग्रहालयों को 25-25 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
- राम जन्मभूमि मंदिर सड़क निर्माण के लिए 300 करोड़, अयोध्या में जनसुविधाओं और पार्किंग के लिए 209 करोड़, वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ तक सड़क के लिए 77 करोड़, बनारस में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़, अयोध्या में पर्यटन सुविधा के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव है।
- इस साल वृक्षारोपण अभियान में 35 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे। गोरखपुर चिड़ियाघर के लिए 50 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
- अरबी-फारसी मदरसों को 479 करोड़ का प्रस्ताव है। अल्पसंख्यक समुदाय छात्रवृत्ति योजना में 795 करोड़ का प्रस्ताव है।
- प्रयागराज लॉ यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव है।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 705 करोड़ का प्रस्ताव है। जजों के कोर्ट और आवास के लिए 600 करोड़ का प्रस्ताव है। कचहरी में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव है।
- अधिवक्ता कल्याण निधि के लिए 90 करोड़ का प्रस्ताव है। अधिवक्ता चैंबर निर्माण के लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव है।
- राज्य आपदा के लिए 2165 करोड़ रुपए की व्यवस्था का प्रस्ताव है।
- प्राइवेट ट्यूबवेल के बिजली बिल में 50% छूट मिलती रहेगी। बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ के बजट का प्रस्ताव है।
वृद्धावस्था पेंशन दोगुनी, 14 मेडिकल कॉलेजों के लिए 2100 करोड़
- यूपी में वृद्धावस्था पेंशन 500 से बढ़ाकर 1000 रुपए कर दी गई है। प्रदेश के 14 मेडिकल कॉलेजों को 2100 करोड़ के बजट का प्रावधान प्रस्तावित है।
- प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़ प्रस्तावित हैं। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, डिफेंस कॉरिडोर के किनारे विकास कार्य होंगे।
- ग्रीन फील्ड और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 695 करोड़, पीडब्ल्यूडी की सड़कों के लिए 18500 करोड़ रुपए, काशी-विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़, बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ रुपए, नमामि गंगे में जल जीवन मिशन के लिए 19500 करोड़ रुपए और बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
लखनऊ, गोरखपुर, बदायूं में महिला पीएससी बटालियन
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हेतु 03 महिला पीएसी बटालियन लखनऊ, गोरखपुर तथा बदायूँ का गठन किया जा रहा है।
- अगस्त 2020 में गठित “महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन ” का क्रियान्वयन /पर्यवेक्षण अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा किया जा रहा है।
- प्रदेश के समस्त जनपदों में जनपद स्तर पर साइबर हेल्प डेस्क स्थापना की जा रही है महिला सामर्थ्य योजना हेतु 72 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है।
महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर सरकार का जोर
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा सुदृढ बनाये रखने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर महिला बीट आरक्षी नामित करते हुये “महिला हेल्प डेस्क ” की स्थापना की गयी है।
- ससम्मान उनकी शिकायतों का निराकरण कराया जा रहा है इससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना जागृत हुई है, उनकी शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल की जा रही है।प्रदेश के जनपदों में 2,740 महिला पुलिस कार्मिकों को 10,370 महिला बीटों का आवंटन किया गया।
ओडीओपी से 1.56 लाख करोड़ रुपए का हुआ निवेश
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों और पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास हेतु संचालित एक जनपद- एक उत्पाद के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से होने वाला निर्यात 88 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 56 लाख करोड़ रूपये हो गया है।
- यह हर्ष का विषय है कि उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट निवेश डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है । इस दिशा में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
5 एक्सप्रेस वे वाला पहला प्रदेश बना यूपी
- उत्तर प्रदेश 5 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला प्रदेश बन गया है।लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो तथा कुशीनगर में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ ही जेवर में नोएडा ग्रीन फील्ड अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के साथ उत्तर प्रदेश शीघ्र ही 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला देश का पहला प्रदेश बन जायेगा।
इंफरास्ट्रक्चर विकास पर सरकार का जोर
- कोविड कालखण्ड में औद्योगिक निवेश की गति को बनाये रखने हेतु विशेष हेल्प डेस्क संचालित किया गया। राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे जलमार्ग हवाई अड्डों तथा अन्य मल्टी मोडल परियोजनाओं के माध्यम से विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे तथा निर्बाध कनेक्टिविटी के विकास को सुनिश्चित करते हुए त्वरित अवस्थापना विकास को बढ़ावा दे रही है।
इन्वेस्टर्स समिट से 5 लाख से अधिक रोजगार का सृजन
- हमने इन्वेस्टर्स समिट-2018 का आयोजन कराया जिसमें प्राप्त 68 लाख करोड़ रूपये तक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 03 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है।
- इन निवेशों से 05 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।आगामी 03 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तीसरी ग्राऊण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जायेगा।
इन जिलों में स्थापित होंगे एटीएस सेंटर
- मेरठ, बहराइच, कानपुर, आजमगढ़ और रामपुर में एटीएस सेन्टर का निर्माण कराया जायेगा। इसके अलावा यूपी के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए यूपी विशेष सुरक्षा बल का गठन किया गया है, जिसके लिए 276 करोड़ 66 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- यूपी-112 योजना के दूसरे चरण के लिए 730 करोड़ 88 लाख रूपये का प्रावधान प्रस्तावित है।
- सेफ सिटी योजना के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में योजना लागू किए जाने के लिए 523 करोड़ 34 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- जनपदीय थानों के लिए सुरक्षा उपकरणों और अस्त्र/शस्त्र हेतु 250 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना और यूपी फोरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट लखनऊ का निर्माण कराया जा रहा है।
पीएम किसान सम्मान निधि देने में यूपी अव्वल
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रूपये वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
गन्ना भुगतान में बनाया कीर्तिमान
- गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।हमारी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई , 2022 तक 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रूपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जो एक कीर्तिमान है। इसमें पूर्व वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रूपये की धनराशि भी शामिल है। यह धनराशि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य हुये गन्ना मूल्य भुगतान से हजार 500 करोड़ रूपये अधिक है।
86 लाख लघु और सीमांत किसानों का ऋणमोचन
- योगी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन कराया गया।
किसानों के लिए 15 हजार सोलर पंप लगेंगे, लघु सिंचाई के लिए 1 हजार करोड़
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में किसानों के लिए 15 हजार सोलर पंपों का प्रावधान किया गया है। लघु सिंचाई योजना के तहत 1 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में 3 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया जाएगा। 16 मई 2022 तक 1.72 लाख करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान किया गया। 119 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जाएगा।
महिला सुरक्षा के लिए 720 करोड़ रुपए, बहराइच और कानपुर में एटीएस सेंटर
- उत्तर प्रदेश बजट 2022-2023 में प्रदेश में महिला सुरक्षा के लिए 720 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। बहराइच और कानपुर में एटीएस सेंटर की स्थापना हो रही है।
बजट हाइलाइट्स
- उत्तर प्रदेश कासकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2022-23 के लिए (मौजूदा कीमतों पर) 20,48,234 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, 2021-22 के लिए जीएसडीपी के संशोधित अनुमान से 1% की वृद्धि (17,49,469 रुपये) करोड़)। 2021-22 में, जीएसडीपी पिछले वर्ष (मौजूदा कीमतों पर) की तुलना में 9.8% कम होने का अनुमान है।
- 2022-23 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर)5,82,956 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (4,55,809 करोड़ रुपये) से 28% अधिक है। साथ ही 2022-23 में 32,563 करोड़ रुपये का कर्ज राज्य द्वारा चुकाया जाएगा. 2021-22 में खर्च (कर्ज अदायगी को छोड़कर) बजट अनुमान से 11% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधार को छोड़कर)5,01,778 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, 2021-22 के संशोधित अनुमान (3,81,063 करोड़ रुपये) की तुलना में 32% की वृद्धि। 2021-22 में, प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) बजट अनुमान से 39,609 करोड़ रुपये (9% की कमी) कम होने का अनुमान है।
- 2022-23 के लिए राजकोषीय घाटा81,178 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 96%) पर लक्षित है। 2021-22 में, संशोधित अनुमानों के अनुसार, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.27% रहने की उम्मीद है, जो जीएसडीपी के 4.17% के बजट अनुमान से अधिक है।
- 2022-23 के लिए राजस्व अधिशेष43,124 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 11%) होने का अनुमान है। 2021-22 में, राज्य को जीएसडीपी के 1.26% के राजस्व अधिशेष का अनुमान है, जो जीएसडीपी के 1.07% के बजट अनुमान से अधिक है।
नीति हाइलाइट्स
किसानों के लिए दुर्घटना बीमा:
- किसान दुर्घटना कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों के दायरे का विस्तार एक पंजीकृत किसान के परिवार के कमाने वाले सदस्यों को शामिल करने के लिए किया गया है। योजना के तहत लाभार्थी की दुर्घटना में मृत्यु या अपंगता की स्थिति में परिवार को पांच लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं।
रोजगार:
- उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति, 2020 के तहत सरकार अगले पांच वर्षों में 100 इनक्यूबेटर और 10,000 स्टार्टअप स्थापित करेगी।
सोलर स्ट्रीट लाइटिंग:
- राज्य के सभी गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट स्थापित करने के लिए बाबू जी कल्याण सिंह ग्राम उन्नति योजना नामक एक नई योजना शुरू की गई है।
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था
जीएसडीपी:
- उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी (स्थिर कीमतों पर) 2021-22 में 3% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2020-21 के निचले आधार से अधिक है।
- 2020-21 में , जीएसडीपी ने 4.2% का संकुचन दर्ज किया। इसकी तुलना में, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 2020-21 में 6.6% और 2021-22 में 8.9% की वृद्धि देखी गई।
- क्षेत्र:2021-22 में, मौजूदा कीमतों पर, कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों ने क्रमशः 26%, 25% और 49% अर्थव्यवस्था का योगदान दिया
प्रति व्यक्ति जीएसडीपी:
- 2021-22 में उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 81,398 रुपये होने का अनुमान है ; 2020-21 में इसी आंकड़े से 10% अधिक (74,307 रुपये)। इसकी तुलना में, राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 1,72,761 रुपये (मौजूदा कीमतों पर) होने का अनुमान है।
2022-23 के लिए बजट अनुमान
- 2022-23 में व्यय (ऋण चुकौती को छोड़कर)5,82,956 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। यह 2021-22 के संशोधित अनुमान (4,55,809 करोड़ रुपये) से 28% अधिक है। इस व्यय को 5,01,778 करोड़ रुपये की प्राप्तियों (उधार को छोड़कर) और 81,178 करोड़ रुपये के शुद्ध उधार के माध्यम से पूरा करने का प्रस्ताव है ।
- 2022-23 के लिए प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) 2021-22 के संशोधित अनुमान से 32% की वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। 2021-22 में प्राप्तियां बजट अनुमान से 9% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 में, राज्य को43,124 करोड़ रुपये के राजस्व अधिशेष का अनुमान है, जो कि इसके जीएसडीपी का 11% है। इसकी तुलना में, 2020-21 में, राज्य ने जीएसडीपी का 0.12% (2,367 करोड़ रुपये) का राजस्व घाटा देखा और 2021-22 में जीएसडीपी के 1.26% (22,107 करोड़ रुपये) के राजस्व अधिशेष का निरीक्षण करने का अनुमान है।
- 2022-23 में राजकोषीय घाटाजीएसडीपी का 96% होने का अनुमान है जो केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% जीएसडीपी पर उपलब्ध कराया जाएगा) बिजली क्षेत्र के सुधारों का उपक्रम करना)।
- 2021-22 में, राज्य ने जीएसडीपी के 4.27% के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है, जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4.5% की सीमा से कम है (जिसमें से जीएसडीपी का 0.5% बिजली क्षेत्र में सुधार करने पर उपलब्ध हो जाता है)।
- 2022-23 में राजस्व व्यय4,56,089 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान (3,56,624 करोड़ रुपये) से 28% अधिक है। इस खर्च में वेतन, पेंशन, ब्याज और सब्सिडी का भुगतान शामिल है। वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व व्यय बजट अनुमान से 10% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23 में पूंजीगत परिव्यय1,23,920 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक है। पूंजीगत परिव्यय में संपत्ति के निर्माण की दिशा में व्यय शामिल है। इसमें स्कूलों, अस्पतालों और सड़कों और पुलों के निर्माण पर होने वाला खर्च शामिल है। 2021-22 में पूंजीगत परिव्यय बजट अनुमान से 15% कम रहने का अनुमान है।
2020-21 में वास्तविक व्यय
- 2020-21 में, राज्य द्वारा वास्तविक व्यय (कर्ज अदायगी को छोड़कर) 3,51,933 करोड़ रुपये था, जो उस वर्ष के बजट अनुमान से 26% कम था।जबकि प्राप्तियां (उधार को छोड़कर) बजट अनुमान से 1,27,457 करोड़ रुपये कम थीं, उधार बजट से 11,068 करोड़ रुपये अधिक थे।
- जलापूर्ति और स्वच्छता पर वास्तविक व्यय बजट अनुमान से 60% कम था, कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर 53% कम था, और सामाजिक कल्याण और पोषण पर बजट अनुमान से 37% कम था।
प्रतिबद्ध व्यय:
- किसी राज्य के प्रतिबद्ध व्यय में आमतौर पर वेतन, पेंशन और ब्याज के भुगतान पर व्यय शामिल होता है।प्रतिबद्ध व्यय मदों के लिए आवंटित बजट का एक बड़ा हिस्सा अन्य व्यय प्राथमिकताओं जैसे कि विकासात्मक योजनाओं और पूंजीगत परिव्यय पर निर्णय लेने के लिए राज्य के लचीलेपन को सीमित करता है।
- 2022-23 में, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रतिबद्ध व्यय मदों पर 2,76,635 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान है, जो कि इसकी राजस्व प्राप्तियों का 55% है। इसमें वेतन (राजस्व प्राप्तियों का 31%), ब्याज भुगतान (9%), और पेंशन (15%) पर खर्च शामिल है।
- 2022-23 में प्रतिबद्ध व्यय 2021-22 के संशोधित अनुमान से 28% अधिक होने का अनुमान है। पेंशन व्यय में 43% की वृद्धि होने का अनुमान है जबकि वेतन और ब्याज भुगतान में क्रमशः 28% और 8% की वृद्धि का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश बजट 2022-23 के तहत क्षेत्रवार व्यय (करोड़ रुपये में) |
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सेक्टर्स | 2020-21 वास्तविक | 2021-22 बीई | 2021-22 आरई | 2022-23 बीई | आरई 21-22 से बीई 22-23 . में % परिवर्तन |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति | 54,844 | 67,683 | 57,577 | 75,165 | 31% |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण | 21,549 | 32,009 | 26,328 | 40,991 | 56% |
यातायात | 28,238 | 44,255 | 36,002 | 39,864 | 1 1% |
ऊर्जा | 19,647 | 27,248 | 31,980 | 37,566 | 17% |
पुलिस | 19,791 | 29,172 | 24,140 | 31,443 | 30% |
समाज कल्याण और पोषण | 14,753 | 24,420 | 23,466 | 31,239 | 33% |
ग्रामीण विकास | 23,247 | 27,455 | 24,883 | 29,541 | 19% |
शहरी विकास | 16,386 | 23,980 | 18,349 | 27,111 | 48% |
जल आपूर्ति और स्वच्छता | 3,569 | 17,439 | 13,775 | 21,733 | 58% |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण | 13,617 | 20,418 | 17,751 | 21,431 | 21% |
सभी क्षेत्रों पर कुल व्यय का % | 61% | 62% | 61% | 61% |
बजट प्रावधान 2022-23 बीई |
· समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा के लिए 15,169 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 987 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· सड़कों और पुलों पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 32,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· बिजली आपूर्ति के लिए सब्सिडी प्रदान करने के लिए 12,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· जिला पुलिस के लिए 21,463 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· विशेष पुलिस के लिए 3,684 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· बाल कल्याण के लिए 9,035 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· महिलाओं के कल्याण के लिए 3,136 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· मनरेगा के तहत पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,823 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· पीएम आवास योजना (शहरी) के तहत पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए अनुदान के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए 816 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· शहरी जलापूर्ति कार्यक्रम के लिए 206 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
· प्रमुख सिंचाई पर पूंजीगत परिव्यय के लिए 4,255 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। |
2022-23 में प्राप्तियां
- 2022-23 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति4,99,213 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 32% अधिक है। इसमें से 2,33,450 करोड़ रुपये (47%) राज्य द्वारा अपने संसाधनों से जुटाए जाएंगे, और 2,65,763 करोड़ रुपये (53%) केंद्र से आएंगे।
- केंद्र से संसाधन केंद्रीय करों (राजस्व प्राप्तियों का 29%) और अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 24%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे।
हस्तांतरण:
- 2022-23 में, राज्य को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में 1,46,499 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 28% अधिक है।बजट अनुमानों की तुलना में 2021-22 के संशोधित अनुमानों के अनुसार केंद्र से विचलन 4% कम होने की उम्मीद है।
राज्य का अपना कर राजस्व:
- उत्तर प्रदेश का कुल स्वयं का कर राजस्व 2022-23 में 2,10,044 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमान से 38% अधिक है।
- जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राज्य का अपना कर राजस्व 2020-21 (वास्तविक के अनुसार) से जीएसडीपी के 2% से बढ़कर 2022-23 में 10.3% (बजट अनुमान के अनुसार) होने का अनुमान है। ध्यान दें कि संशोधित अनुमानों के अनुसार 2021-22 में जीएसडीपी अनुपात के लिए स्वयं का कर 8.7% होने की उम्मीद है।
राज्य का गैर–कर राजस्व :
- 2022-23 में, उत्तर प्रदेश को राज्य के अपने गैर-कर राजस्व के रूप में 23,406 करोड़ रुपये अर्जित करने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों की तुलना में 51% अधिक है।2021-22 में राज्य का अपना गैर-कर राजस्व बजट अनुमान से 39% कम रहने का अनुमान है।
- 2022-23में, SGST को स्वयं के कर राजस्व (37%) का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है। 2022-23 में एसजीएसटी राजस्व 77,653 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 के संशोधित अनुमानों से 36 प्रतिशत अधिक है।
- 2021-22 में SGST राजस्व बजट अनुमान से 12% कम रहने का अनुमान है। 2022-23 में, राज्य को 10,611 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा अनुदान मिलने का अनुमान है। 2021-22 में (संशोधित अनुमानों के अनुसार), राज्य को जीएसटी मुआवजा अनुदान के रूप में 7,787 करोड़ रुपये और जीएसटी मुआवजा ऋण के रूप में 9,623 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है।
- 2022-23 में, राज्य उत्पाद शुल्क और बिक्री कर/वैट से राजस्व में 2021-22 (तालिका 6) के संशोधित अनुमानों की तुलना में क्रमशः 36 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
जीएसटी मुआवजा जून 2022 में समाप्त होगा
- जब जीएसटी पेश किया गया था, तो केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने जीएसटी राजस्व में पांच साल की अवधि के लिए 14% चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि की गारंटी दी थी।इस स्तर से राज्य के जीएसटी राजस्व में किसी भी कमी को केंद्र द्वारा राज्य को मुआवजा अनुदान प्रदान करके कवर किया जाता है। यह गारंटी जून 2022 में समाप्त हो जाती है।
- 2018-22 के दौरान, उत्तर प्रदेश ने गारंटीकृत एसजीएसटी राजस्व स्तर प्राप्त करने के लिए जीएसटी मुआवजा अनुदान पर भरोसा किया है।
- 2021-22 में, उत्तर प्रदेश को जीएसटी मुआवजा अनुदान (जीएसटी मुआवजा ऋण सहित) के रूप में 17,410 करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है, जो कि अपने स्वयं के कर राजस्व का लगभग 11% है। इसलिए, जून 2022 के बाद, उत्तर प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों के स्तर में गिरावट देखी जा सकती है।
2022-23 के लिए घाटा और ऋण लक्ष्य
- उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2004 राज्य सरकार की बकाया देनदारियों, राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे को उत्तरोत्तर कम करने के लिए वार्षिक लक्ष्य प्रदान करता है।
राजस्व संतुलन:
- यह राजस्व व्यय और राजस्व प्राप्तियों का अंतर है।एक राजस्व घाटा का तात्पर्य है कि सरकार को अपने खर्चों को वित्तपोषित करने के लिए उधार लेने की आवश्यकता है जो उसकी संपत्ति में वृद्धि या उसकी देनदारियों को कम नहीं करता है। 2022-23 में, उत्तर प्रदेश में 43,124 करोड़ रुपये के राजस्व अधिशेष का अनुमान है, जो कि जीएसडीपी का 11% है।
- 2021-22 में, राज्य को संशोधित अनुमानों के अनुसार जीएसडीपी के 1.26% के राजस्व अधिशेष का निरीक्षण करने की उम्मीद है, जो जीएसडीपी के 1.07% के बजट अनुमान से अधिक है।
राजकोषीय घाटा :
- यह कुल प्राप्तियों पर कुल व्यय की अधिकता है।यह अंतर सरकार द्वारा उधार से भरा जाता है और राज्य सरकार की कुल देनदारियों में वृद्धि की ओर जाता है।
- 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 96% रहने का अनुमान है। यह केंद्र सरकार द्वारा अनुमत जीएसडीपी के 4% की सीमा के भीतर है (जिसमें से 0.5% जीएसडीपी कुछ बिजली क्षेत्र के सुधारों को शुरू करने पर उपलब्ध कराया जाएगा)।
बकाया देनदारियां :
- बकाया देनदारियां एक वित्तीय वर्ष के अंत में कुल उधार का संचय है, इसमें सार्वजनिक खाते पर कोई देनदारियां भी शामिल हैं।
- मार्च 2023 के अंत तक, राज्य की बकाया देनदारियां जीएसडीपी का 5% होने का अनुमान है। बकाया देनदारियां 2019-20 में जीएसडीपी के 29.6% से बढ़कर 2025-26 में जीएसडीपी के 31.7%% होने का अनुमान है।
बकाया सरकारी गारंटी :
- राज्यों की बकाया देनदारियों में कुछ अन्य देनदारियां शामिल नहीं हैं जो प्रकृति में आकस्मिक हैं, जिन्हें कुछ मामलों में राज्यों को सम्मान करना पड़ सकता है।
- राज्य सरकारें वित्तीय संस्थानों से राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (एसपीएसई) के उधार की गारंटी देती हैं। 31 मार्च, 2021 तक, राज्य की बकाया गारंटी 1,53,836 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो कि 2020-21 में उत्तर प्रदेश के जीएसडीपी का 8% है।
प्रमुख क्षेत्रों पर राज्यों के व्यय की तुलना
- नीचे दिए गए ग्राफ़ छह प्रमुख क्षेत्रों पर उत्तर प्रदेश के व्यय की तुलना सभी क्षेत्रों पर उसके कुल व्यय के अनुपात के रूप में करते हैं।एक क्षेत्र के लिए औसत 30 राज्यों (उत्तर प्रदेश सहित) द्वारा उनके 2021-22 के बजट अनुमानों के अनुसार उस क्षेत्र में औसत व्यय को दर्शाता है।
शिक्षा:
- उत्तर प्रदेश ने 2022-23 में शिक्षा के लिए अपने कुल खर्च का 13% आवंटित किया है। यह सभी राज्यों द्वारा शिक्षा के लिए औसत आवंटन (2%) से कम है (2021-22 के बजट अनुमान के अनुसार)।
स्वास्थ्य:
- उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य पर अपने कुल खर्च का 1% आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के लिए औसत आवंटन (6%) से अधिक है।
कृषि:
- राज्य ने अपने कुल व्यय का 8% कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए आवंटित किया है। यह राज्यों द्वारा कृषि के लिए औसत आवंटन (6.2%) से काफी कम है।
ग्रामीण विकास:
- उत्तर प्रदेश ने अपने खर्च का 1% ग्रामीण विकास पर आवंटित किया है।यह राज्यों द्वारा ग्रामीण विकास के लिए औसत आवंटन (5.7%) से कम है।
पुलिस:
- उत्तर प्रदेश ने अपने कुल खर्च का 4% पुलिस पर आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा पुलिस पर औसत खर्च (4.3%) से अधिक है।
सड़कें और पुल:
- उत्तर प्रदेश ने अपने कुल खर्च का 4% सड़कों और पुलों पर आवंटित किया है, जो राज्यों द्वारा औसत आवंटन (4.7%) से अधिक है।
प्रमुख क्षेत्रों के लिए आवंटन (करोड़ रुपये में)
क्षेत्र |
2020-21 बीई |
2020-21 वास्तविक |
बीई से वास्तविक में % परिवर्तन |
जल आपूर्ति और स्वच्छता | 8,869 | 3,569 | -60% |
कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ | 12,682 | 6,020 | -53% |
समाज कल्याण और पोषण | 23,438 | 14,753 | -37% |
आवास | 7,888 | 4,986 | -37% |
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों का कल्याण | 6,490 | 4,241 | -35% |
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण | 19,137 | 13,617 | -29% |
ग्रामीण विकास | 31,402 | 23,247 | -26% |
पुलिस | 26,395 | 19,791 | -25% |
शहरी विकास | 20,461 | 16,386 | -20% |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण | 26,266 | 21,549 | -18% |
ऊर्जा | 23,425 | 19,647 | -16% |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति | 64,805 | 54,844 | -15% |
यातायात | 33,152 | 28,238 | -15% |
जिनमें से सड़कें और पुल | 30,135 | 27,351 | -9% |