अयोध्या का फैसलाः विवादित भूमि मंदिर के लिए आवंटित
- 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अयोध्या स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लंबे विवादित अयोध्या मामले पर अपना अंतिम निर्णय दिया। केंद को यह निर्देश भी दिये है की सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए 5 एकड़ की अलग जमीन आवंटित की जाए जिससे वह उस स्थान पर मस्जिद बना सके।
- मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय एससी संविधान पीठ ने अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद शीर्षक मुकदमे की घोषणा की।
- अयोध्या अधिनियम 1993 में निश्चित क्षेत्र के अधिग्रहण के प्रावधानों के तहत राम मंदिर के निर्माण के लिए 3 महीने के भीतर एक ट्रस्ट का गठन किया जाना चाहिए।
- मस्जिद का निर्माण एक प्रमुख स्थल पर होना चाहिए। 2.77 एकड़ भूमि का अधिकार भगवान राम लला को दिया जाना था, जो इस मामले में तीन वादियों में से एक थे।
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अयोध्या में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने अयोध्यावास में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है, जो सरदार वल्लभ भाई पटेल की गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (182 मीटर) द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बन जाएगी।
- अयोध्या में सरयू नदी के पास 100 हेक्टेयर भूमि पर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

- इस उद्देश्य के लिए, उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगी।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर और नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान से भी सहायता मांगी जाएगी।
- भगवान राम थीम पर आधारित एक डिजिटल संग्रहालय, व्याख्या केंद्र, पुस्तकालय, पार्किंग, फूड प्लाजा आदि अयोध्या के विकास का हिस्सा होंगे।
- भगवान राम की 7 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भगवान राम की 7 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया, जिसमें भगवान राम के पांच अवतारों में से एक, कोदंव राम को दर्शाया गया है, जो अयोध्या में उनकी षोडश संवत संग्रहालय में यात्र के दौरान हुआ था।
‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’
- प्रधानमंत्री ने 26 जून 2020 को ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ का शुभारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए इस अभियान की शुरुआत की।
- अभियान के जरिए घरेलू उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना और रोजगार के मौके बनाने के लिए उद्योग संगठनों के साथ भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस खास अभियान के तहत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 30 लाख से अधिक प्रवासियों की वापसी और लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने से बेरोजगार हुए कामगारों के समायोजन के लिए अफसरों से व्यापक कार्ययोजना बनाने की बात की।
- योगी सरकार ने मनरेगा, एमएसएमई, ओडीओपी, निर्माण परियोजनाओं और ग्राम्य विकास से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों को केंद्रित कर 1.25 करोड़ लोगों के रोजगार का रास्ता तलाशा है।
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 31 जिलों की 32,300 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।
- इन जिलों में सिद्धार्थनगर, प्रयागराज, गोंडा, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, जौनपुर, हरदोई, आजमगढ़, बस्ती, गोरखपुर, सुलतानपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर, बांदा, अम्बेडकरनगर, सीतापुर, वाराणसी, गाजीपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, अयोध्या, देवरिया, अमेठी, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, श्रावस्ती, फतेहपुर, मीरजापुर, जालौन और कौशाम्बी शामिल हैं।
- इस अभियान के तहत 25 तरह के कार्यों को चिह्नित किया गया है, जिनमें प्रवासियों को समायोजित किया जाएगा। इसके लिए 1 दर्जन विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। इनमें ग्राम्य विकास, पंचायती राज, सकड़ परिवहन, खनन, रेलवे, पेयजल व स्वच्छता, पर्यावरण व वन, पेट्रोलियम व नेचुरल गैस, वैकल्पिक ऊर्जा, रक्षा, टेली कम्युनिकेशन और कृषि विभाग शामिल हैं।
- मोदी सरकार की इस योजना में इन वापस लौटे हुए मजदूरों को रोजगार देने, स्थानीय बिजनेस को प्रमोट करने और औद्योगिक संस्थानों के साथ पार्टनरशिप कर रोजगार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य है।
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान हाल ही केंद्र सरकार द्वारा 20 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किया गया है।
- यह योजना छह राज्यों में शुरू की गई है और इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना है, विशेष रूप से उन प्रवासियों और ग्रामीण नागरिकों के लिए जो अपने राज्यों में लौट रहे हैं।
शहीदों के परिवारों को 50 लाख की आर्थिक सहायता
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने सेना के जवानों के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है।उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने भारतीय सेना के शहीद परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता राशि को डबल कर दिया है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का किसी भी जवान के शहीद होने पर उसके परिजनों को सरकार 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।
- योगी सरकार ने 16 जून 2020 को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा कि सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद की पत्नी एवं आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से अब 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मूल निवासी जिनका परिवार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में रह रहा है, ऐसे शहीदों के परिवारों को अब 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले यह आर्थिक सहायता 25 लाख रुपये की थी, जो उनके लिए बहुत कम थी।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के इस फैसले के तहत यदि शहीद विवाहित है और उसके माता-पिता में से एक या दोनों जीवित है, तो शहीद की पत्नी एवं बच्चों को 35 लाख रुपए तथा माता-पिता अथवा उनमें से जीवित को 15 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी।
- शहीद के विवाहित होने तथा माता-पिता में से किसी एक के भी जीवित नहीं होने की स्थिति में शहीद की पत्नी को कुल 50 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
प्रवासी राहत मित्र ऐप
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 08 मई 2020 को ‘प्रवासी राहत मित्र’ ऐप का लोकार्पण किया। योगी सरकार ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए इस ऐप को लॉन्च किया है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के अनुसार इस ऐप को लॉन्च करने का उद्देश्य इन मजदूरों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना है।
- साथ ही ऐप की सहायता से मजदूरों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने में भी सहूलियत होगी। यह ऐप राजस्व विभाग, राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) द्वारा तैयार किया गया है।
ऐप का उद्देश्य
- इस ऐप का उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में मदद करना है। इसके लिए ऐप के जरिये इन प्रवासी नागरिकों का डेटा संग्रह होगा।
- सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार और आजीविका के लिए नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी।
- इस ऐप के द्वारा, आश्रय केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा विवरण लिया जायेगा ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाले कोई भी प्रवासी छूट न पाए।
- ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी जैसे कि नाम, शैक्षिक योग्यता, अस्थायी और स्थायी पता, बैंक खाता विवरण, कोविड 19 सम्बंधित स्क्रीनिंग की स्थिति, शैक्षिक योग्यता और अनुभव लिया जाएगा। इसमे 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जायेगा।
- इसके अलावा प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रें के लोगों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है।
- डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र सम्पादित हो इसके लिये विकेन्द्रीकृत स्तर पर यथा आश्रय स्थल, ट्रांजिट पॉइंट, व्यत्तिफ़ का निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जायेगा।
- डाटा संग्रह का काम जल्द से जल्द हो इसके लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में डाटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग, नगर निकाय की जिम्मेदारी होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ और पंचायती राज विभाग होगी।
श्रम कानूनों से छूट वाले अध्यादेश को मंजूरी
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने कोरोना वायरस के संकट के चलते उद्योगों के आगे आई समस्या के कारण श्रम अधिनियम में तीन साल तक छूट प्रदान की है।
- कैबिनेट ने 6 मई 2020 को अपनी मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने अस्थाई छूट के लिए अध्यादेश 2020 के मसौदे को मंजूरी दी है।
- श्रमिकों की समस्या के लिए जिन इकाइयों के कार्यालय बंद पड़े हैं, उन्हें खोलने हेतु यह छूट दी गई है ताकि बाहर से जो प्रवासी श्रमिक प्रदेश में लाए जा रहे हैं उन्हें बड़े पैमाने पर काम मिल सके।
- ऐसी सभी जगह पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में श्रम कानून में तीन साल के लिए अस्थाई छूट प्रदान की गई है। इसके साथ ही श्रमिकों के मूलभूत हितों की रक्षा के लिए श्रम कानूनों में जो उनको संरक्षण प्राप्त है, वह यथावत रहेंगे।
- इसमें बंधुआ श्रम तथा उत्पादन अधिनियम, भवन सन्निर्माण अधिनियम, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम व बच्चों और महिलाओं के नियोजन संबधित श्रम अधिनियम पूरे लागू रहेंगे। वेतन अधिनियम के अंतर्गत वेतन भुगतान की व्यवस्था यथावत रहेगी, उसके अलावा अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी।
श्रम कानून
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 38 श्रम कानून लागू हैं। किसी भी उद्योग के खिलाफ लेबर डिपार्टमेंट एनफोर्समेंट नियम के अंतर्गत कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस दौरान श्रम विभाग का प्रवर्तन दल श्रम कानून के अनुपालन के लिए उनके यहां नहीं जाएगा।
- व्यापारिक प्रतिष्ठानों को फिर से चालू किया जा सके और श्रमिकों को इसमें सेवायोजित किया जा सके। श्रम कानूनों के बच्चों और महिलाओं से संबंधित प्रावधान भी जारी रहेंगे।
- बाकी श्रम कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे। इनमें औद्योगिक विवादों को निपटाने, व्यावसायिक सुरक्षा, श्रमिकों की स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति और ट्रेड यूनियनों, अनुबंध श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों से संबंधित कानून शामिल हैं।
- बंधुआ श्रम प्रथा (उत्सादन) अधिनियम 1976, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम 1923 तथा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्ते विनियमन) 1996 के प्रावधान लागू रहेंगे।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 को मंजूरी दी है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा 3 साल के लिए अधिकांश श्रम कानूनों को निलंबित करने के लिए अध्यादेश लाई है। राज्य सरकार का उद्देश्य औद्योगिक निवेश में वृद्धि करना है और प्रवासी श्रमिकों के रोजगार को बढ़ाना है जो उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक गांवों में वापस आ गए हैं।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने तदनुसार इस आशय का एक अध्यादेश पारित किया है जो सभी कारखानों और विनिर्माण सुविधाओं पर भी लागू होगा।
- यह अध्यादेश कुछ कानूनों जैसे बंधुआ मजदूर अधिनियम, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, मजदूरी अधिनियम की धारा 5 और श्रमिक मुआवजा अधिनियम पर लागू नहीं होगा।
- एनटीपीसी 6 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 25 CAAQMS की स्थापना के लिए 80 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
- 6 राज्यों में CAAQMS: ग्वालियर (मध्य प्रदेश), रांची (झारखंड), पटना (बिहार), वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज (सभी उत्तर प्रदेश में), पिंपरी चिंचवाड़ (महाराष्ट्र) और मदुरै (तमिलनाडु) में स्थापित किए जाएंगे।
- 3 केंद्र शासित प्रदेश: CAAQMS को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (पोर्ट ब्लेयर), दादरा और नगर हवेली (सिलवासा) और दमन और दीव (दमन) में भी स्थापित किया जाएगा।
लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली, 2020
- 6 मई, 2020 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 को मंजूरी मिल गई। उत्तर प्रदेश में दंगाइयों द्वारा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूली के लिए इस नियमावली को मंजूरी दी गई है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 की धारा 26 के प्रावधानों के अधीन यह नियमावली बनाई गई है।
- इस नियमावली के अन्तर्गत नियम-9 में दावा अधिकरण का गठन, नियम-27 में दावा याचिका, नियम-33 में दावों की सुनवाई, नियम-43 में प्रतिकर की धनराशि विनिश्चित करने के नियम और अधिकरण द्वारा विनिश्चित की गई क्षतियों की धनराशि वसूली हेतु प्रावधान किया गया है।
ASI ने चौखंडी स्तूप को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित
- 10 जून, 2019 को, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने चौखंडी स्तूप को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया है। उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित प्राचीन बौद्ध स्थल।
- चौखंडी स्तूप एक सीढ़ीदार मंदिर था जिसका निर्माण गुप्त काल के 4 से 6 वीं सदी के बीच किया गया था। यह उस स्थल को चिह्नित करने के लिए बनाया गया था जहां भगवान बुद्ध और उनके पहले शिष्य बोधगया से सारनाथ जाते समय मिले थे।
- खुदाई के दौरान चौखंडी स्तूप पर कुछ बुद्ध और अन्य मूर्तियों की स्थापना पर कुछ बुद्ध और अन्य मूर्तियों की स्थापना की गई थी।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) अध्यादेश 2020
- 6 मई, 2020 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम में संशोधन के प्रस्तावों को मंजूरी दी। इससे किसानों की आय दोगुनी करने, कृषि उपज की बिक्री को सुलभ बनाने और कारोबारी सुगमता के उद्देश्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
- इसके तहत प्रदेश में आम, केला, लौकी, कद्दू, तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा, संतरा समेत 46 फलों और सब्जियों के व्यापार करने पर कोई मंडी शुल्क नहीं लगेगा।
- व्यापारियों और प्रसंस्करण इकाइयों को किसान ये उत्पाद बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। वे सीधे उपभोक्ताओं को भी इनकी बिक्री कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020
- 9 जून, 2020 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) गो-वध निवारण (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई।
- अध्यादेश का उद्देश्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) गोवध निवारण कानून, 1955 को और अधिक संगठित एवं प्रभावी बनाने के साथ गोवंशीय पशुओं की रक्षा एवं गोकशी की घटनाओं से संबंधित अपराधों को पूर्णतः रोकना है।
उत्तर प्रदेश में अग्रिम जमानत संबंधी विधेयक
- 6 जून, 2019 से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गैर जमानती अपराध के मामलों में आरोपी को अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) मिल सकेगी।
- 1 जून, 2019 को CRPC, 1973 की धारा 438 में संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी प्रदान की। यह विधेयक उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानमंडल के दोनों सदनों से पास कराकर राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा गया था।
- विदित हो कि 1976 में आपातकाल के दौरान उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अग्रिम जमानत की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।
- हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इसे फिर से लागू करने के लिए राज्य सरकार से कहा था। राज्य विधि आयोग ने भी 2009 में अपनी तृतीय रिपोर्ट में इस व्यवस्था को फिर से लागू करने की सिफारिश की थी।
- विधेयक के अनुसार अग्रिम जमानत के लिए आवेदन की तिथि से 30 दिन के अन्दर निस्तारण करना होगा। कोर्ट को अंतिम सुनवाई से 7 दिन पहले लोक अभियोजक को नोटिस भेजना जरूरी होगा।
- अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान अभियुक्त को उपस्थित रहना जरूरी नहीं है। पूछताछ के लिए अभियुक्त को पुलिस या विवेचक के सामने उपस्थित होना पड़ेगा।
- आवेदक मामले से जुड़े गवाहों व अन्य व्यक्तियों को धमका नहीं सकेगा, न ही कोई आश्वासन दे सकेगा।
- इन मामलों में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी- SC/ST एक्ट समेत अन्य गंभीर अपराध आतंकी गतिविधियों से जुड़े मामले नारकोटिक्स एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट व मौत की सजा से जुड़े मुकदमों में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी।
नौकरियों में महिलाओं को 20% आरक्षण
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की पूर्णपीठ ने 19 जुलाई, 2019 को सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के नियम पर महत्त्वपूर्ण निर्णय दिया है।
- सामान्य और आरक्षित वर्ग की सीटों पर यदि मेरिट में महिला सफल घोषित होती है तो उसे अपनी श्रेणी के 20 फीसदी कोटे में ही गिना जाएगा।
- जिस श्रेणी में कोटा पूरा नहीं होगा उसमें संबंधित कोटे की सफल महिला को ही स्थान मिलेगा। उस श्रेणी से महिला का चयन करने के लिए नीचे से चयनित पुरुष बाहर हो जाएगा। चयनित महिला अपनी श्रेणी में ही रहेगी। चयनित महिला सामान्य या आरक्षित वर्ग में अपनी श्रेणी में ही जा सकेगी।
COVID-19 के लिए पुल परीक्षण की अनुमति
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (ICMR) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) को कोविड-19 के लिए पूल परीक्षण शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जो इस विधि को क्रियान्वित करेगा।
- पूल परीक्षण विधि में, स्वैब के कई नमूनों को एक साथ रखकर उनका परीक्षण किया जाता है। इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन से कोविड-19 के निदान को तेज गति से करने में मदद मिलेगी।
- सरकार इस विधि का उपयोग करने के लिए प्रोटोकॉल के संबंध में निर्णय ले रही थी और इसे 14 अप्रैल से लागू किया जाना था।
- देश में महाराष्ट्र इस परीक्षण विधि का इस्तेमाल करने के लिए ICMR से अनुमति लेने वाला दूसरा राज्य बन गया है।
- नमूना संग्रह का पूल परीक्षण एक एकल RTPCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) का इस्तेमाल करके किया जाता है। इस विधि के तहत, कई स्वैब नमूनों को एक साथ रखकर उनका परीक्षण किया जाता है।
- यह विधि भारत के लिए फायदेमंद होगी जो परीक्षण किटों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे की कमी से भी जूझ रहा है। इससे संसाधनों के बेहतरीन इस्तेमाल के साथ-साथ कोविड-19 स्क्रीनिंग भी बढ़ेगी।
- इजराइल में शोधकर्ताओं ने यह भी महसूस किया कि, कोविड-19 के लिए 64 लोगों के संयुत्तफ़ नमूनों के परीक्षण ने स्क्रीनिंग प्रक्रिया को तेज कर दिया था और इसकी लागत भी काफी कम आई थी।
फाइलेरिया के खिलाफ उन्मूलन अभियान
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने राज्य से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 47 जनपदों में तीन सप्ताह का गहन अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया अभियान 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलाया गया।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा इस अभियान की शुरुआत केंद्र सरकार के वर्ष 2021 तक देश से फाइलेरिया उन्मूलन की घोषणा के तहत की गई। इस अभियान के तहत गठित टीम दवा उपलब्ध कराने के लिए लोगों के घर-घर जाएगी।
- राज्य के 19 जिलों को दो भागों में विभाजित किया गया है- ट्रिपल-ड्रग और डबल ड्रग-
- ट्रिपल ड्रग के तहत 11 जिले कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, सीतापुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, चंदौली, फतेहपुर और हरदोई हैं।
- डबल ड्रग 8 जिलों के तहत कौशाम्बी, रायबरेली, सुल्तानपुर, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज और गाजीपुर शामिल हैं। साढ़े छह करोड़ से ऊपर की आबादी को सभी 19 जिलों में फाइलेरिया की दवा दी जाएगी।
- अभियान के कार्यक्रम के अनुसार, चयनित जिलों में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को दवाइयाँ दी जाएंगी।
फाइलेरिया रोग
- फाइलेरिया रोग दरअसल संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसलिए अभियान के दौरान मच्छरों से मुक्त वातावरण और स्वच्छता पर विशेष जोर दिया जाएगा।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 65 मिलियन भारतीयों को इस बीमारी का खतरा है।
- दुनिया के 52 देशों में लगभग 85.6 मिलियन लोगों को फाइलेरिया का खतरा है।
- भारत में लगभग 4.5 लाख लोग फाइलेरिया से पीडि़त हैं। फाइलेरिया को देश से खत्म करने के लिए 2015 में एक सरकारी नीति शुरू की गई थी। फाइलेरिया के ज्यादातर मामले पूर्वी भारत, मालाबार और महाराष्ट्र के पूर्वी क्षेत्रों में देखे गये हैं।
- फाइलेरिया के रोगी को बुखार, शरीर पर खुजली, पैरों में अत्यधिक सूजन, अंडकोष के आसपास सूजन या इससे मिलते-जुलते लक्षण हो सकते हैं। इसका संक्रमण कई रोगियों में बचपन से होता है।
उत्तर प्रदेश में 17 जातियां अनुसूचित जाति में शामिल
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित जातियों (SC) की सूची में शामिल कर दिया है। इन जातियों को अनुसूचित जातियों की लिस्ट में शामिल करने का कारण इन जातियों का सामाजिक और आथि्ार्क रूप से ज्यादा पिछड़ा होना हैं।
- इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके लिए जिला अधिकारियों को इन 17 जातियों के परिवारों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश दिया गया है।
पिछड़ी जातियां
- वे पिछड़ी जातियां जिन्हें अनुसूचित जाति की सूची में शामिल कर लिया गया है- निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा एवं गौड़। इन पिछड़ी जातियों को अब एससी कैटेगरी की लिस्ट में डाल दिया गया है।
- इस मामले में दिसंबर 2016 को अनुसूचित जाति में शामिल करने से संबंधित शासनादेश जारी किया गया था। इस शासनादेश के खिलाफ डॉ. बीआर अंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण ने प्रयागराज उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
- 29 मार्च, 2017 को हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस शासनादेश के तहत कोई भी जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो वह न्यायालय के अंतिम फैसले के अधीन होगा।
- उच्च न्यायालय, प्रयागराज द्वारा 29 मार्च, 2017 को पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए परीक्षण के उपरांत सुसंगत अभिलेखों के आधार पर नियमानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
10% आर्थिक आरक्षण लागू करने वाला उत्तर प्रदेश तीसरा राज्य
- जनवरी, 2019 में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए आर्थिक आरक्षण (10%) को लागू किया।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में यह आरक्षण लागू होगा। विदित हो कि गुजरात एवं झारखण्ड के बाद उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला तीसरा राज्य है।
- 103वें संविधान संशोधन के तहत भारत सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य तबके को आरक्षण का प्रावधान किया है।
तीन तलाक विधेयक पर सहमति
- केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित तीन तलाक विधेयक के मसौदे पर सहमति जारी करने वाला उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य बन गया।
- तीन तलाक या तलाक-ए-बिद्दत को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध करार देते हए इसके दोषी को तीन साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण का खर्च भी देना होगा।
वाराणसी में 2,900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी 2019 को वाराणसी का दौरा किया। मोदी ने यहां कई विकास परियोजनाओं का अनावरण किया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने सड़क, पर्यटन, स्वास्थ्य, पेयजल और आवास की 39 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। श्रीगोर्वधनपुर में श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर में गुरु रविदास जन्म स्थान विकास परियोजना का शिलान्यास किया।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नवनिर्मित मदन मोहन मालवीय कैंसर केन्द्र का उद्घाटन किया। यह अस्पताल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), झारखंड, बिहार, उत्तराखंड सहित नेपाल जैसे पड़ोसी देशों के मरीजों को सस्ता कैंसर उपचार प्रदान करेंगे।
- होमी भाभा कैंसर अस्पताल लहरतारा का उद्घाटन किया। इन दोनों कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन के जरिए वाराणसी कैंसर संबंधी बीमारियों के बेहतर उपचार के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र बन जाएगा। पहले नये भाभाट्रॉन प्रीसिजन टेक्नोलॉजी (मल्टी लीफ कॉलीमेटर) का लोकार्पण भी किया।
- डीजल लोकोमोटिव वर्क्स ने दो डब्ल्यूडीजी-3A डीजल इंजनों को 10 हजार अश्वशक्ति वाले दोहरे इलेक्ट्रिक डब्ल्यूएजीसी-3A लोको में परिवर्तित किया है।
- यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय अनुसंधान एवं विकास नवाचार के जरिए किया गया है। परिवर्तित इंजनों से ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन कम होगा और भारतीय रेल के लिएकारगर इंजन तैयार होंगे।
विश्व के सबसे लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ को मंजूरी
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री ने 29 जनवरी 2019 को प्रयागराज में चल रहे कुंभ के दौरान एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत 600 किलोमीटर लंबे ‘गंगा एक्सप्रेस-वे’ बनाने के फैसले पर मुहर लगाई गई है।
- यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। प्रयागराज को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे बनाने का फैसला लिया गया है। इसको बनाने में यूपी सरकार तकरीबन 36 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- मेरठ से अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ को जोड़ते हुए गंगा एक्सप्रेस-वे प्रयागराज तक आएगा।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे
- इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 6556 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी और करीब 36 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके रास्ते में 6 रेलवे ओवरब्रिज और 18 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। यह लिंक रोड 91 किलोमीटर लंबा होगा। इसे बनाने में सरकार 5555 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- गंगा एक्सप्रेस-वे आरंभ होने तक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है। यह 302 किलोमीटर लंबा है तथा इसके जरिये लखनऊ से आगरा तक की दूरी महज 3 घंटे में पूरी की जा सकती है। इससे पहले यमुना एक्सप्रेस वे (165) देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे था।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे
- 29 जनवरी, 2019 को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। कुल 182 गांवों से गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की लंबाई 296.264 किमी. और प्रभावित क्षेत्रफल 3641.6269 हेक्टेयर आकलित किया गया है।
- बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट में भरतकूप के निकट, झांसी, मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-35 के चैनेज 266.6) से प्रारंभ होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया एवं इटावा होते हुए इटावा की तहसील शाखा के कुदरैल गांव के समीप आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के चैनेज 133778 पर समाप्त होगा।
- एक्सप्रेस-वे के आरओडब्ल्यू की चौड़ाई 110 मीटर होगी। इस परियोजना की कुल लागत 14,716.26 करोड़ रुपये संभावित है। भूमि क्रय एवं उससे संबंधित 2415 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस वे (पूर्वांचल एक्सप्रेस वे)
- 14 जुलाई, 2018 को प्रधानमंत्री ने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया। इस एक्सप्रेस वे के माध्यम से पूर्वांचल के कुछ जिलों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसका विस्तार लखनऊ से बलिया तक होगा। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 11,800.56 करोड़ रुपए होगी।
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राज्य के 12 जिलों- लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर और बलिया से होकर गुजरेगा।
- एक्सप्रेस वे की कुल- लंबाई लगभग 341 किमी- होगी। इस परियोजना लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एशियन डेवलपमेंट बैंक और हुडको से ऋण प्राप्त होगा।
- यह एक्सप्रेसवे 6 लेन चौड़ा तथा 8 लेन तक एक्सपेंडल होगा। इस एक्सप्रेस वे के आसपास कृषि, मंडी, कोल्ड स्टोरेज, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, दुग्ध आधारित उद्योग आदि इकाईयां होंगी।
- इस एक्सप्रेसवे में 7 रेलवे ओवरब्रिज, 7 बड़े पुल 110 छोटे पुल, 11 इंटरचेंज, 2 टोल प्लाजा, 5 कैम्प प्लाजा बनेंगे। 4.70 किमी. हवाई पट्टी का निर्माण इस एक्सप्रेस वे में प्रस्तावित है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।
प्रयाग लिंक एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे
- प्रयाग एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे दोनों ही चार लेन की परियोजनाएं हैं। लखनऊ से प्रयागराज तक प्रयाग एक्सप्रेस-वे 150 किमी. लंबा होगा। गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ने वाला गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे 89 किमी. लंबा होगा।
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे गोरखपुर से बेलघाट-कम्हरिया घाट पुल के माध्यम जुड़ेगा। इसके लिए गोरखपुर-जैतपुर-कम्हरिया घाट मार्ग को 4 लेन बनाया जाएगा।
- प्रयाग लिंक एक्सप्रेस वे बाराबंकी के हैदरगढ़ से प्रयागराज के पहले सोरांव तक बनाया जाएगा। सोरांव पर इसे NH-2 (दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे) से जोड़ा जाएगा।
पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड विकास बोर्ड के गठन को मंजूरी
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने 24 दिसंबर 2018 को कैबिनेट की बैठक में पूर्वांचल और बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन का फैसला किया है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड के संतुलित विकास और व्यापारियों के कल्याण के लिये बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है।
- पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड विकास बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। इसके अलावा बोर्ड में दो उपाध्यक्ष तथा 11 नामित सदस्य होंगे। इस बोर्ड में सरकार अधिकारियों में दो विशेषज्ञों को शामिल करने के अलावा नामित सदस्य होंगे।
- इसी तरह बुंदेलखंड के सात जिलों के विकास के लिये बुंदेलखंड विकास बोर्ड कर गठन को मंजूरी दे दी है। दोनों बोर्डो का कार्यकाल 3 साल का होगा।
- सरकार ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया है। यह बोर्ड जीएसटी आदि मामले सुलझाने के लिये सरकार और व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम करेगा।
- सरकार इसके जरिए इन क्षेत्रें के पिछड़ेपन को दूर करने और विकास की गति बढ़ाने की योजना बनाएगी। इसके गठन से व्यापारियों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण और उनकी सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के लिए योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन संभव होगा।
बुंदेलखंड रक्षा गलियारा
- 18 जून, 2018 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा बुंदेलखंड में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर के लिए निर्माण कार्य अक्टूबर, 2018 से शुरू करने का निर्णय लिया।
- इसके साथ ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने प्रदेश के 6 जिलों (कानपुर, झांसी, चित्रकूट, लखनऊ, आगरा एवं अलीगढ़) में डिफेंस पार्क बनाने की घोषणा की। इन पार्कों के लिए 6 हजार हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली गई है। बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर का केंद्र होगा।
- डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं। इन शहरों में सेना के काम में आने वाले सामानों के निर्माण के लिए इंडस्ट्री विकसित की जाती है, जहां सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियां हिस्सा लेती हैं।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रस्तावित कॉरिडोर का केंद्र बुंदेलखंड होगा इसमें बुंदेलखंड के सातों जिले-झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, बांदा और महोबा शामिल है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रस्तावित डिफेंस कॉरिडोर के लिए 3000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण के लिए नोडल एजेंसी यूपी इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवेज अथॉरिटी (यूपीईडा) को बनाया गया है।
- बुंदेलखंड में प्रस्तावित रक्षा गलियारे का निर्माण इजरायल के सहयोग से किया जाएगा। सैन्य साजो-सामान बनाने में इजरायल की केंद्रीय भूमिका होगी। विदित है कि रक्षा-गलियारे के निर्माण की योजना के सार्वजनिक होने के पहले ही वर्ष 2016 में बुंदेलखंड में पानी की समस्या दूर करने के लिए इजरायल के साथ वॉटर यूटिलिटी रिफॉर्म समझौता हुआ।
फतेहपुर में रेल पार्क, झांसी में कोच फैक्टरी
- रेल व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने इन्वेस्टर्स समिट में रायबरेली कोच फैक्टरी की उत्पादन क्षमता में 3 गुना से अधिक वृद्धि के साथ झांसी में नई कोच फैक्ट्री स्थापित करने की घोषणा की।
- फतेहपुर में रेल पार्क के साथ रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का ईको सिस्टम भी विकसित किया जाएगा।
सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) मंत्रिमंडल द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए सार्वजनिक संपत्ति क्षति वसूली वसूली अध्यादेश 2020 पारित किया गया।
- अध्यादेश का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर हिंसक वारदातों से निपटना, इसकी दृढ़ता और गति को नियंत्रित करना और उत्पीड़न, बंद आदि के दौरान सार्वजनिक या निजी संपत्ति को क्षति के लिए वसूली प्रदान करना होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने यू-राइज पोर्टल लॉन्च
- हाल ही में, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने यू-राइज (यूनिफाइड रि-इमेजिनेटेड इनोवेशन फॉर स्टूडेंट एम्पावरमेंट) पोर्टल लॉन्च किया है। यह छात्रों को राज्य में लर्निग, कैरियर काउंसलिंग और रोजगार प्राप्त करने जैसे विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन करेगा।
- यह पोर्टल डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया गया है। इस पोर्टल को मुख्यमंत्री 24 सितंबर, 2020 को लखनऊ में लॉन्च किया था। यह कार्यक्रम छात्रें को व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान से जोड़ेगा।
- यह अनुमान है कि 20 लाख छात्र और अन्य तकनीकी (व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा में लिप्त) विशेषज्ञों को इस पोर्टल से लाभ मिलेगा। इस पोर्टल की मदद से छात्र ई-कंटेंट, ई-लाइब्रेरी, और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों को राज्य के दूरस्थ क्षेत्रें में भी एक्सेस कर सकते हैं।
- यह पोर्टल छात्रों के लिए भी सहायक है, क्योंकि यह ऑनलाइन परीक्षा, डिजिटल मूल्यांकन, डिजिटल सामग्री, इंटर्नशिप, डिजिटल परीक्षा पत्र, वेबिनार, ई-लाइब्रेरी, रिकॉर्ड की गई वीडियो सामग्री के साथ-साथ रोजगार की जानकारी प्रदान करता है।
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति
- इस नीति को पांच वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए शुरू किया गया है। यह बुंदेलखंड और पूर्वांचल के पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास सुनिश्चित करेगा। इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाना है।
- इस नीति के माध्यम से, वह राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में MSME इकाइयों को बढ़ावा देगी। यह प्लग एंड प्ले मॉडल पर रेंटल सुविधाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाना है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार तीन इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर स्थापित करेगी। ये क्लस्टर चिकित्सा उपकरणों, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं, मोबाइल फोन, रक्षा उपकरणों और आईटी हार्डवेयर इत्यादि के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
- इस नीति में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण में उत्कृष्टता केंद्र, नवाचार और उद्यमिता के माध्यम से विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचा बनाने की भी परिकल्पना की गई है।
- निवेशक 15% की पूंजीगत सब्सिडी के लिए पात्र होंगे। 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए, 10% की अतिरित्तफ़ पूंजी सब्सिडी प्रदान की जानी है।
कोप-14 मरूस्थलीकरण की समस्याएं
- मरूस्थलीकरण की समस्या से निपटने हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ का 14वां कोप सम्मेलन 2 सितंबर, 2019 से 13 सितंबर, 2019 तक चला। यह सम्मेलन इंडिया एक्सपो सेंटर मार्ट, ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में आयोजित हुआ।
- इस सम्मेलन में भूमि की गुणवत्ता बहाली, सूखा, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, जेंडर समानता तथा पानी की कमी आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
- इस सम्मेलन में भूमि की उर्वरक क्षमता को बचाने हेतु वैश्विक स्तर पर चलाये गये अभूतपूर्व अभियान के तहत कोप सदस्य देशों ने इस बात का संकल्प लिया कि 2030 तक वे राष्ट्रीय लक्ष्य के तहत भूमि की उर्वरक क्षमता को बचाये रखने के लिये टिकाऊ विकास को हासिल करेंगे।
- संयुक्त राष्ट्र के इस सम्मेलन में दुनिया भर के लगभग 200 देशों तथा 9,000 से 6 अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस में सम्मेलन में 11 उच्चस्तरीय, 30 समिति स्तरीय तथा 170 से अधिक हित धारकों की अलग-अलग बैठकें हुई।
भूमि के क्षरण की प्रक्रिया
- मरूस्थलीकरण भूमि के क्षरण की प्रक्रिया है जिसमें जमीन अनुपजाऊ हो जाती है। मरूस्थलीकरण के कारण जमीन शुष्क, अर्द्धशुष्क तथा निर्जल अर्द्ध-नम इलाकों में तब्दील हो जाती है।
- मरूस्थलीकरण के कारण
- पानी से कटाव
- हवा से मिट्टी का लगातार होता कटाव
- निर्वनीकरण
- औद्योगिक कचरा
- भारत में भू-क्षरण यानी मरूस्थलीकरण का दायरा 96.40 मिलियन हेक्टेयर है जो कुल भौगोलिक क्षेत्र का 29.30 प्रतिशत है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2003-05 से 2011-13 के बीच 18.7 लाख हेक्टेयर भूमि का मरूस्थलीकरण हुआ है।
रेणुकाजी बांध परियोजना के लिए करार पर हस्ताक्षर
- 11 जनवरी, 2019 को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने ऊपरी यमुना बेसिन में रेणुकाजी बहुउद्देशीय बाँध परियोजना के निर्माण के लिए छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक करार-पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- समझौते पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह- रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हिमाचल प्रदेश- के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हस्ताक्षर किये।
- इसी कार्यक्रम में प्रयागराज में नमामि गंगे परियोजना के संबंध में भी समझौते पर हस्ताक्षर हए। यह समझौता एक नगर, एक संचालक कार्यक्रम पर आधारित है।
उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) मंत्रिमंडल ने राज्य की राजधानी लखनऊ और नोएडा के लिए पुलिस व्यवस्था की आयुक्तालय प्रणाली को मंजूरी दे दी है।
- यह प्रणाली आयुक्त के रूप में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के आईपीएस अधिकारियों को आधिकारिक (मजिस्ट्रियल) शक्तियों सहित अधिक जिम्मेदारियां देती है।
- आयुक्तालय प्रणाली में, पुलिस आयुक्त एक एकीकृत पुलिस कमांड संरचना का प्रमुख होता है, जो शहर में बल के लिए जिम्मेदार होता है, और राज्य सरकार के प्रति जवाबदेह होता है।
- कार्यालय में मजिस्ट्रियल शक्तियां भी हैं, जिनमें विनियमन, नियंत्रण और लाइसेंसिंग से संबंधित हैं। सीपी को उप महानिरीक्षक रैंक या इससे ऊपर से लिया जाता है और विशेष/संयुक्त/ अतिरिक्त/उपायुक्तो द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
- बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेशों और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग सभी राज्यों में एक आयुक्तालय प्रणाली है।
कानपुर, आगरा मेट्रो को मंजूरी
- 28 फरवरी, 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के दो शहरों कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की।
- इसमें कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 11,076.48 करोड़ रुपए व आगरा मेट्रो रेल परियोजना के लिए 8,379.62 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। इन दोनों शहरों में दो-दो कॉरीडोर बनाए जाएंगे।
- इन दोनों परियोजनाओं के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने बजट में 175-175 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 5 बड़े शहरों प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और झांसी में मेट्रो रेल चलाए जाने की योजना है। इन शहरों में मेट्रो रेल के शुरुआती काम-काज के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में घर-घर बिजली
- सभी जनपद मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 20 घंटे एवं गांवों को 18 घंटे बिजली आपूर्ति। सौर ऊर्जा इकाई योजना की स्थापना करने पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क में छूट का प्रावधान किया गया है।
- सौभाग्य योजना के तहत 74 लाख से अधिक घरों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन। ग्रामीण क्षेत्रें में ट्रान्सफॉर्मर खराब होने पर 48 घंटे के अंदर मरम्मत/नये ट्रान्सफॉर्मर की स्थापना। उजाला योजना के तहत 3.4 करोड़ एलईडी बल्ब का वितरण।
G-eM पर कुशल ई-खरीद के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
- शासन को डिजिटाइज करते हुए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने राज्य में GeM संगठनात्मक परिवर्तन दल परियोजना प्रबंधन इकाई स्थापित करने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रलय के तहत सरकारी ई-मार्केट स्थल (GeM) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- निर्बाध खरीद अनुभव को सक्षम करने के लिए प्रणाली को एकीकृत करते हुए दोनों के बीच खरीद दिशानिर्देशों में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। नए PMU को MoU के तहत राज्य के MSMEs के लिए ऑनबोर्ड और GeM पर लेनदेन के लिए आसान बनाया जाएगा।
- इसके साथ ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार कुशल और पारदर्शी खरीद प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए GOTT&PMU स्थापित करने वाला पंजाब के बाद दूसरा राज्य बन गया है।
नगरपालिका वित्तीय लेखांकन मंच के राज्यव्यापी कार्यान्वयन
- शहरी क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक और कदम में, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने 31 जनवरी, 2020 को e-Gov फाउंडेशन के साथ सहयोग प्रारंभ किया।
- नगरपालिका वित्तीय लेखा प्रणाली को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल पूरे राज्य भर में नगर निगम के लेखा सुधारों का एक हिस्सा है और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सभी 652 ULB (शहरी स्थानीय निकाय) को कवर करती है।
- एमओयू के तहत, e-Gov फाउंडेशन DIGIT (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर गवर्नेस, इम्पैक्ट एंड ट्रांसफॉर्मेशन) का उपार्जन-आधारित डबल-एंट्री फाइनेंशियल अकाउंटिंग एप्लीकेशन प्रदान करेगा जो शहरी शासन के लिए भारत का सबसे बड़ा ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है।
- सरकार ने लेखा रिकॉर्ड और संचालन को डिजिटल बनाने की परिकल्पना की है, जिससे वित्तीय स्वायत्तता और ULB की वित्तीय स्थिरता को मजबूत किया जा सके।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का मेरठ शहर कुत्तों, घोड़ों और खच्चरों सहित सेवा जानवरों के लिए भारत के पहले युद्ध स्मारक की मेजबानी करेगा।
- यह स्थान जानवरों के योगदान और वीरता के लिए खुद को समर्पित करेगा जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान कश्मीर में युद्धविराम संचालन और युद्ध के मैदान में सेना की मदद की है।
- 300 से अधिक कुत्तों, 350 संभालने वाले (हैंडलर) और कुछ घोड़ों, खच्चरों के नाम और सेवा संख्या के साथ ग्रेनाइट की पट्टिकाएं स्मारक पर अंकित की जाएंगी।
महिलाओं की विशेष हेल्पलाइन दामिनी
- UPSRTC (उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में महिला यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए दामिनी हेल्पलाइन सेवा शुरू की है।
- निर्भया योजना के विस्तार के रूप में इस हेल्पलाइन के लिए यूनिक नंबर 81142-77777 को सब्सक्राइब किया गया है, जिसे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ में परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने शुरू किया था।
ऑपरेशन नाकाइल
- गाजियाबाद के प्राधिकारी यूनिक नंबर आवंटित करेंगे, जिन्हें जिले में चलने वाले ऑटो रिक्शा पर पेंट किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चालक या यात्रियों के रूप में बैठे बदमाश अपराध के बाद भाग न पाएं।
- पुलिस ने ऑपरेशन नाकाइल शुरू किया, जिसके तहत सभी ऑटो-रिक्शा चालकों की पहचान को सत्यापित किया जाएगा और उन्हें चार अंकों का एक यूनिक नंबर आवंटित किया जाएगा।
- वाहन चालकों को ऑटो-रिक्शा के सामने, बाएं, दाएं और पीछे की ओर यूनिक नंबर को चित्रित करने की आवश्यकता होगी।
रोप-वे पिरयोजना
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा पर्यटकों को रोप वे की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीपीपी मॉडल पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के तीन स्थलों चित्रकूट, अष्टभुजा-कालीखोह (विंध्याचल), एवं बरसाना (मथुरा) में इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में हर्बल रोड्स प्रोजेक्ट
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा राज्य में 800 किमी- सड़क में हर्बल रोड्स प्रोजेक्ट को लागू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के तहत राज्य सरकार सड़क के दोनों ओर औषधीय मूल्यों वाले पौधों का रोपण करेगी।
- इन औषधीय पेड़ पौधों में नीम, पीपल, सहजन आदि शामिल है। यह पौधे औषधियों के लिए कच्चा माल प्रदान करेंगे और भूमि के कटाव को रोकने में भी मदद करेंगे।
कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को मंजूरी
- 24 जून, 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की।
- कुशीनगर एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थल है जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। थाईलैण्ड, कंबोडिया जापान, म्यांमार आदि देशों प्रत्येक दिन कुशीनगर आते हैं।
जेवर एयरपोर्ट
- जेवर एयरपोर्ट, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पहले चरण को वर्ष 2020 के लिए दुनिया की 100 रणनीतिक वैश्विक अवसंरचना परियोजनाओं में शामिल किया गया है। इसे CGLA इन्फ्रास्ट्रक्चर लिस्ट में मान्यता दी गई है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) (भारत) और यूगोस्लाविया (यूरोप) को दुनिया भर में विमानन श्रेणी के क्षेत्र में चुना गया है। जेवर एयरपोर्ट की सफलता की कहानी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा 25 से 27 मार्च, 2020 को न्यूयॉर्क शहर, अमेरिका (संयुक्त राज्य अमेरिका) में 13वें ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर लीडरशिप फोरम में दो सत्रें में प्रस्तुत की जाएगी।
- जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्य हेतु उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार द्वारा यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को नोडल एजेंसी बनाया गया है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इसकी दूरी 72 किमी- है। वर्ष 2022 तक इसके पूरी तरह से प्रारंभ होने की संभावना है।
अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी
- 16 जून, 2020 को संयुक्त उपक्रम द्वारा 600 मेगावाट के सोलर पार्क के विकास के लक्ष्य को मंजूरी दी गयी।
- पावर पार्क उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने अल्ट्रा मेगा रिन्यूबल एनर्जी पावर पार्क की स्थापना के लिए यूपीनेडा एवं टिहरी हाईड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड के बीच संयुक्त उपक्रम गठित करने के लिए मेमोरेंडम आफ अण्डरस्टैंडिंग, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
महाराजगंज में गिद्ध संरक्षण केन्द्र
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने विलुप्ति के कगार पर पहुंचे गिद्धों के संरक्षण और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए महाराजगंज में जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- यह केन्द्र हरियाणा के पिंजौर में स्थापित देश के पहले जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
वाराणसी स्थित कछुआ वन्य जीव अभ्यारण्य का स्थानांतरण
- वाराणसी स्थित कछुआ वन्य जीव अभ्यारण्य को जल्द ही मिर्जापुर-प्रयागराज के बीच गंगा की जलधारा में स्थानांतरित किया जाएगा।
- योजना के तीन दशक बाद अस्तित्व में आए इस अभ्यारण्य को अब शिफ्ट करने के पीछे राष्ट्रीय जलमार्ग प्रोजेक्ट है, जो इस अभ्यारण्य से ही गुजरता है।
- वर्तमान में वाराणसी के रामनगर किले से मालवीय रेल रोड ब्रिज के बीच करीब 7 किमी की लंबाई में देश का पहला कछुआ वन्य जीव अभ्यारण्य स्थित है। इसकी परिकल्पना गंगा एक्शन प्लान 1989 के तहत की गई थी।
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिले ओडीएफ घोषित
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रें में 1.77 करोड़ से ज्यादा इज्जतघरों का निर्माण करवाया है।
- अब सभी 75 जिलों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में नंबर एक पर है।
- ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिएकेन्द्र सरकार ने 2 अक्टूबर, 2014 से स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) प्रारम्भ किया।
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए भारत सरकार 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार 40 प्रतिशत बजट की व्यवस्था करती है।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना शुरू की है, जो खेतों में काम करने के दौरान मरने या विकलांग होने वाले किसानों के परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत, यदि कोई किसान या उसके परिवार का कोई सदस्य किसी खेत में काम करते समय मर जाता है, तो उन्हें पाँच लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- पहली बार, इस योजना में बाटीदारों को भी शामिल किया जाएगा, जो अन्य व्यक्तियों के क्षेत्र में काम करते हैं और फसल कटने के बाद फसल को साझा करते है।
- यह योजना 18-70 वर्ष की आयु के किसानों और उनके परिवार के सदस्यों को कवर करेगी और इसे पिछले साल 14 सितंबर से लागू किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में ELECRAMA 2020 का उद्घाटन
- केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ग्रेटर नोएडा में ELECRAMA 2020 का उद्घाटन किया। ELECRAMA भारतीय विद्युत उद्योग का प्रमुख प्रदर्शन है और भविष्य के ऊर्जा संक्रमण के लिए प्रौद्योगिकी, नए रुझानों और नवाचार के संबंध में भारतीय उद्योग के साथ दुनिया को जोड़ने के लिए एक मंच है।
- इस साल के आयोजन का फोकस ई-मोबिलिटी, एनर्जी स्टोरेज, स्टार्टअप्स, ग्रिड ट्रांसफॉर्मेशन, रेवेन्यू सिक्योरिटी के साथ छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) पर विशेष ध्यान देने पर है।
23वां राष्ट्रीय युवा महोत्सव 2020
- युवा मामले और खेल मंत्रलय और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने संयुक्त रूप से लखनऊ के इंदिरा प्रतिष्ठान में 23वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव (NYF) 2020 का आयोजन किया। 23 वें राष्ट्रीय युवा उत्सव 2020 का थीम फिट यूथ फिट इंडिया है।
- राष्ट्रीय युवा महोत्सव 1995 से आयोजित किया जा रहा है। यह युवा आइकन स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी के स्मरणोत्सव के लिए मनाया जाता है।
- NYF का उद्देश्य विभिन्न गतिविधियों में अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करने के प्रयास में देश के युवाओं को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
- NYF 2020 का उद्देश्य युवाओं का ध्यान संवाद और चयनित विषयगत इंटरफेस पर चर्चा की दिशा में लाने पर ध्यान केंद्रित करना है ताकि परिणाम राष्ट्रीय स्तर दर्ज किया जा सके।
पर्यटन स्थलों की सूची में दो स्थल शामिल
- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य प्रतिनिधिमंडलों से मंत्रालय को प्रस्ताव मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है।
- 2019 में भारत सरकार द्वारा कुल 17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों की पहचान की गई।
- इसमें शामिल हैं:- ताजमहल और फतेहपुर सीकरी (उत्तर प्रदेश), अजंता और एलोरा (महाराष्ट्र), हुमायूँ का मकबरा, लाल किला और कुतुब मीनार (दिल्ली), कोलवा (गोवा), आमेर किला (राजस्थान), सोमनाथ और धोलावीरा (गुजरात), खजुराहो (मध्य प्रदेश), हम्पी (कर्नाटक), महाबलीपुरम (तमिलनाडु), काजीरंगा (असम), कुमारकोम (केरल) और महाबोधि मंदिर (बिहार)।
युवाओं के कौशल विकास हेतु कौशल सतरंग, युवा हब और शिक्षता योजना
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री ने व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास और श्रम और रोजगार विनिमय विभागों द्वारा लखनऊ, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लोक भवन में आयोजित कौशल सतरंग कार्यक्रम के दौरान राज्य के युवाओं के लिएकौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए तीन महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की।
- यह घोषणा की गई थी कि सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में लोगों को सूचित करने के लिए राज्यों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आरोग्य मित्र तैनात किए जाएंगे।
सहारनपुर जिले से मिले स्टीगोडन जीवाश्म
- यह अनुमान है कि जीवाश्म 5 से 8 मिलियन वर्ष पुराना हो सकता है। यह जीवाश्म तलछटी चट्टान-सैंडस्टोन में एम्बेडेड था।
- स्टेगोडन फॉसिल ने अपनी सतह पर नौ अच्छी तरह से विकसित लकीरें खोजी। मोलर की तामचीनी बहुत मोटी है जबकि मोलर की लंबाई लगभग 24 सेंटीमीटर है।
- बलुआ पत्थर की प्रकृति मध्य सिवालिक रेंज की विशेषताओं को दर्शाती है क्योंकि जीवाश्म जो जीवाश्म पर एम्बेडेड है मध्यम दानेदार है।
बाराबंकी में जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाई
- हाल ही में, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाराबंकी में जैविक खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की गई है। इस इकाई से क्षेत्र के लगभग 5000 किसानों को लाभ मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ने बाराबंकी को अपनी एक जनपद, एक उत्पाद योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण केंद्र के रूप में नामित किया है।
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की क्षमता है और कृषि कच्चे माल के आधार और कृषि जलवायु विशेषताओं की इसकी विविध टोकरी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास के लिए आवश्यक मंच प्रदान करती है।
फ्रेट विलेज
- जहाजरानी मंत्रालय द्वारा गंगा नदी पर अन्तर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल के पास वाराणसी में 156 करोड़ रुपए की लागत से एक फ्रेट विलेज को विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसका निर्माण भारतीय अन्तर्देशीय प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा।
- गौरतलब है कि फ्रेट विलेज कार्गो हब के रूप में कार्य करेगा तथा माल एकत्रित करने एवं उसके मूल्यवर्द्धन का भी केंद्र होगा।
अशफाकउल्ला खान के नाम चिडि़याघर
- उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि वह स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी शहीद अशफाकउल्ला खान के नाम पर गोरखपुर में 121 एकड़ का चिडि़याघर बनाएगी।
- अशफाक ने ज्यादातर उर्दू में और कुछ हिंदी में, वरसी और हजरत नाम की कलम के तहत कविताओं की रचना की। वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और काकोरी षडड्ढंत्र मामले से जुड़े थे।
RBI ने शिवालिक मकैटाइल को SFB में बदलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) स्थित शिवालिक मर्केटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को एक छोटे वित्त बैंक (SFB) में बदलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जो लगभग दो साल पहले दिशा-निर्देशों के सामने आने के बाद से परिवर्तित होने वाला पहला शहरी सहकारी बैंक (UCB) बन गया है।
- यह RBI दवारा शहरी सहकारी बैंक के स्वैच्छिक परिवर्तन पर एक छोटे वित्त बैंक में योजना के तहत किया गया।
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